बिहार के इंजीनियरिंग छात्र संदीप कुमार की मौत: आत्महत्या या संस्थानिक हत्या!

जगन्नाथ
ख़बर Published On :


लोकनायक जयप्रकाश औद्योगिक संस्थान या छपरा सरकारी इंजीनियरिग कालेज के मैकेनिकल विभाग के एक छात्र ने बुधवार को हास्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुद को मौत के हवाले कर दिया। आत्महत्या के दौरान मृत छात्र ने इसका वीडियो भी बनाया, जो अब प्रशासन के पास है। सिवान जिले के सिसवन थाना क्षेत्र के रहने वाला संदीप कुमार अपने कालेज में सेकंड सेमेस्टर का परीक्षा देकर हास्टल आया और अपने कमरे को अंदर से बंद कर लिया। काफी देर तक उसके बाहर नहीं निकलने पर आसपास के छात्रों ने कमरे का दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। तब छात्रों ने प्रिंसिपल को फ़ोन कर इसकी सूचना दी, लेकिन प्रिंसिपल ने छात्रों को दरवाजा तोड़ने तक से मना कर दिया। लेकिन  छात्रों ने किसी अनहोनी की आशंका से दरवाजा तोड़ दिया। अंदर जाने पर छात्रों ने देखा कि संदीप ने पंखे में गमछा लटका कर फांसी लगा ली है। बाद में प्रिंसिपल आए तो उनके गाड़ी से आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल लेकर जाया गया। अस्पताल पहुँचते ही चिकित्सक ने संदीप को मृत घोषित कर दिया। 

छात्रों का आरोप है कि 25 दिसंबर को इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक (ईईई) के विभागाध्यक्ष एवं परीक्षा नियंत्रक ज़फर अयूब अंसारी ने छात्रों को गाली दी थी और उनके बास्केटबॉल कोर्ट को भी तोड़ दिया था। छात्रों ने जिसकी शिकायत प्रिंसिपल से की और उचित कार्यवाही करने की मांग की थी लेकिन प्रिंसिपल ने  कांफ्रेंस कॉल कराके ज़फर से ‘स्लीप ऑफ़ टँग’ बुलवाकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की। छात्रों ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। इसी को लेकर प्रिंसपल ने भी छात्रों को यह कहते हुए धमकी दिया कि सेनापति को पता है कि सेना को कब मैदान में उतारना है।

चूंकि 3 जनवरी से सभी सेशन के छात्रों का एग्जाम होना था। इसी को देखते हुए छात्रों ने दो दिन बाद अपना प्रोटेस्ट वापिस ले लिया लेकिन उनका कहना है कि शिक्षकों ने इसे व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का विषय बनाते हुए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। 2020 सेशन के छात्रों, जिसमें संदीप भी थे, को विशेष तौर पर टारगेट किया गया। सभी सेशन का एग्जाम एक साथ होना था लेकिन बाद में इस सेशन के छात्रों का एग्जाम अलग से लिया गया। एग्जाम के दौरान शिक्षकों, विशेष तौर पर ज़फर अयूब अंसारी और अजीत चौहान द्वारा लगातार चीटिंग के नाम पर कॉपी ज़ब्त की गयी।  तीन घंटे के एग्जाम में 6-6 बार उत्तर पुस्तिका छीन कर नई उत्तर पुस्तिका दी गई। संदीप के साथ भी ऐसा ही हुआ। एग्जाम के आखिरी के 10 मिनट में उनसे उत्तर पुस्तिका से उत्तर पढ़ कर सुनाने को कहा गया। ज़ाहिर है इस प्रताड़ना के वज़ह से उसका एग्जाम बेहतर नहीं गया होगा और मानसिक दबाव में आकर उसने आत्महत्या कर लिया।

संदीप कुमार का एक सीनियर छात्र पवन ने बताया कि संदीप हमारे हास्टल के चार नंबर कमरा में रहता था। वह 2020 बैच का छात्र था, जो मैकेनिकल की पढ़ाई कर रहा था और मेरा जूनियर था। परीक्षा नियंत्रक द्वारा मानसिक प्रताड़ना दिए जाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली है इसलिए हमलोग प्रिंसिपल व परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग कर रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा कि 19, 20 और 21 सेशन के छात्रों का एग्जाम एक साथ होना था लेकिन 20 सेशन का एग्जाम अलग कर दिया गया, ताकि छात्रों को चिन्हित कर टारगेट किया जा सके। संदीप कुमार भी इसी सेशन के छात्र थे और उन्हें भी एग्जाम के दौरान कई तरह से प्रताड़ित किया गया था। जिसके वज़ह से उसने एग्जाम देकर आते ही फांसी लगा ली।

इस घटना से आक्रोशित छात्रों ने उसी रात प्रशासन की ढ़ील रवैये के कारण सदर अस्पताल के सामने प्रोटेस्ट भी किया। साथ ही, अगले दिन यानी गुरुवार को कॉलेज परिसर में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अपने साथी को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठे रहें। छात्रों की मांग के समर्थन में और संस्थानिक हत्या के शिकार संदीप कुमार को न्याय दिलाने के लिए भाकपा-माले के दो विधायक सिवान के जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा और भोजपुर के अगिऑव से मनोज मंज़िल इस धरना प्रदर्शन में शामिल रहें।

कॉलेज परिसर में आयोजित संदीप के श्रद्धाजंलि सभा और छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन में शामिल अगिऑव से भाकपा-माले विधायक मनोज मंज़िल ने कहा- “मैं कहूंगा यह संस्थानिक हत्या है और यहाँ के प्रिंसिपल और इसके लिए जो रेस्पोंसिबल ऑफिसर हैं, उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज़ होनी चाहिए।” आगे उन्होंने कहा कि यहाँ के छात्र मेडिकल सुविधा के सवाल पर, घटिया खाना जैसे सवाल पर पहले से प्रोटेस्ट करते रहे हैं और इससे यहाँ के प्रशासन खार खाई हुआ है। छात्रों को लगातार धमकी देना- कैरियर ख़राब कर देंगे, महिला केस में फंसा देंगे आदि। धरना में कॉलेज प्रशासन और सरकार के नुमाइंदा का नहीं आना, संवेदनहीनता का हद है। कोई संवेदना नहीं है। डीएम और एसपी को चाहिए कि जिनके नाम एफआईआर दर्ज़ है, उनकी गिरफ्तारी हो और संदीप कुमार को नाम न्याय मिलें और इसके आश्रित परिवार को मुआवजा मिलें क्योंकि वे घर के भविष्य और चिराग थे जिसे कॉलेज प्रशासन ने इस चिराग को बुझा दिया है। यहाँ के विद्यार्थियों के लड़ाई में हमलोग इंक़लाबी नौजवान सभा, आइसा और भाकपा-माले के साथी साथ हैं।

वहीं सिवान जिले के जीरादेई विधानसभा से भाकपा-माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने इसे संस्थानिक हत्या बताते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन से प्रताड़ित होकर संदीप कई दिन पहले ही डिप्रेशन में चला गया था। मुझे पता चला है कि शिक्षकों द्वारा इसलिए प्रताड़ित किया जा रहा था कि वो प्रोटेस्ट-आंदोलन में शामिल था और एक टीम संगठित करके छात्र प्रोटेस्ट कर रहे थे। उनको लगातार पेपर चीटिंग चेकिंग करने के नाम पर परेशान किया जा रहा था। जिससे उसे लगा कि अब वो परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे। इस मामले में हत्या की मुकदमा दर्ज़ होनी चाहिए और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

परिसर में जारी प्रोटेस्ट में गुरुवार को देर शाम छात्रों की मांग पर अतिरिक्त जिला अधिकारी (एडीएम) ने प्रिंसिपल से आमने-सामने बातचीत की जबकि प्रिंसिपल के खिलाफ नामज़द एफआईआर दर्ज़ है। यह बात एडीएम डॉ गगन ने खुद ही स्वीकार की। छात्रों ने गिरफ्तारी की मांग की तो एडीएम भड़क गए और कहने लगे कि मेरे साथ है मतलब गिरफ्तार ही है। बाकी अभी सिर्फ एफआईआर दर्ज है। हम पूछताछ के लिए बुलाएंगे।

छात्रों ने संदीप कुमार के परिवार को कॉलेज और जिला प्रशासन के तरफ से उचित मुआवजा देने, दोषितों को सज़ा और प्रिंसिपल के इस्तीफ़े की मांग की है लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है।


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