इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ता और आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले वकील, दलित एक्टिविस्ट, भीमा-कोरगांव केस में आरोपी बनाये गए कार्यकर्ता, रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यापकों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों के फोन भारत में आम चुनावों के दौरान मई 2019 में इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से सरवेलांस यानी निगरानी पर थे और वॉट्सएप ने इन लोगों को इससे आगाह भी किया था.
इनके नाम आज इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित किए हैं।
Surveillance via Pegasus hacking your phone: On snoop target list—Rights lawyers to activists, DU prof to Defence journalist. @dipankarghose31 and I speak to some people on a growing list. #Activists #Dissidents #Journalists https://t.co/0qLHc17OPj
— Seema Chishti (@seemay) November 1, 2019
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में अब कुछ लोगों के नाम सामने आये हैं जिन्होंने इस बात की पुष्टि की है. एक्सप्रेस ने आज कुछ लोगों का बयान प्रकाशित किया है. इंडियन एक्सप्रेस ने भारत के 17 ऐसे लोगों से संपर्क किया जिनके फोन सरवेलांस यानी निगरानी पर थे.
रवीन्द्रनाथ भल्ला, एडवोकेट तेलंगाना हाई कोर्ट और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने वाली समिति के महासचिव ने बताया कि 7 अक्टूबर को कनाडा स्थित साइबर सिक्युरिटी समूह, सिटिज़न लैब ने उन्हें संदेह भेजा कि वे कैसे कैसे उन्होंने सिविल सोसाइटी के लिए इंटरनेट खतरों पर नज़र रखने का काम किया”. पहले तो उन्होंने इस सन्देश को अनदेखा कर दिया किन्तु कुछ देर बाद व्हाट्सएप से एक आधिकारिक संदेश मिलने के बाद, मैंने जवाब दिया और (सिटीजन लैब) के पास पहुंच गया.
लोकसभा चुनाव में सरवेलांस पर थे दो दर्जन पत्रकार-कार्यकर्ता : WhatsApp
इसी तरह सुधा भारद्वाज की वकील और जगदलपुर लीगल एड की सह संस्थापक शालिनी गेरा ने बताया कि एक स्वीडिश नंबर से बार-बार वीडियो कॉल मिल रहे थे जो गायब हो जा रहा था. उन्हें सिटिज़न लैब द्वारा चलाये जा रहे जासूसी के बारे में पता था. उन्हें बताया गया कि फरवरी और मई 2019 के बीच उनके फोन सुने गए. व्हाट्सएप ने 29 अक्टूबर को उनसे संपर्क किया और उन्हें सावधानी बरतने की सलाह देते हुए एक संदेश भेजा.
इसी तरह दलित एक्टिविस्ट और गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफ़ेसर आनंद तेलतुंडे के साथ भी हुआ. सामाजिक कार्यकार्ता बेला भाटिया, नागपुर के वकील निहाल सिंह राठौर, जगदीश मेशराम, (गढ़चिरौली के वकील और सदस्य इंडियन असोसिएशन ऑफ़ पीपल लॉयरस), अंकित ग्रेवाल, मुंबई के नागरिक व पर्यावरण कार्यकर्ता विवेक सुंदर, छत्तीसगढ़ के आदिवासी व मानवाधिकार कार्यकर्ता डिग्री प्रसाद चौहान, सीमा आज़ाद, प्रोफ़ेसर सरोज गिरि, अमर सिंह चहल, राजीव शर्मा, शुभांशु चौधरी, चौथी दुनिया के ऑनलाइन सम्पादक संतोष भारतीय, दिल्ली के पत्रकार आशीष गुप्ता और पत्रकार सिद्धांत सिबल का नाम इनमें शामिल हैं.
सीमा आजाद ने इस प्रकरण पर एक लंबी पोस्ट लिखी है जिसे यहां पर पढ़ा जा सकता हैः