क्या पश्चिम बंगाल में “मां, माटी, मानुष” वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के लिए तैयार हो चुकी है? खबर है कि कल तक एनआरसी का विरोध करने वाली ममता बनर्जी सरकार राज्य में विभिन्न आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जल्द ही दो हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) बनाएगी।
Bengal gov to set up detentions centres for arrested foreigners, claims no connection to NRChttps://t.co/sDEaBckMxS
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) November 16, 2019
राज्य के जेल मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने शनिवार को इसकी जानकारी दी, हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि इन हिरासत केंद्रों का एनआरसी से कोई संबंध नहीं होगा।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार विभिन्न आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जल्द ही हिरासत केंद्र बनाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन शिविरों का राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के साथ ‘कतई कोई संबंध’ नहीं होगा। राज्य कारागार मंत्री उज्ज्वल बिस्वास ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘न्यू टाउन’ इलाके में पहले ही एक भूखंड निर्धारित कर दिया है। बिस्वास ने कहा कि दूसरे हिरासत केंद्र के लिए उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में जमीन की तलाश की प्रक्रिया चल रही है।
A TMC leader said the decision to release constituency-wise manifestos was taken as the party leadership wanted the focus to be on the development of the place and not temple and NRC issues. https://t.co/gVmSh9dLZu
— News18 Politics (@News18Politics) November 16, 2019
विश्वास ने कहा कि ये हिरासत केंद्र सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों के तहत बनाए जा रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि विचाराधीन एवं सजा काट रहे विदेशी नागरिकों को स्थानीय कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इसे एनआरसी से नहीं जोडि़ए। विश्र्वास ने कहा कि अभी तक आपराधिक गतिविधियों के लिए गिरफ्तार विदेशी नागरिकों को स्थानीय कैदियों के साथ रखा जाता था, लेकिन हमने पाया कि विभिन्न भाषा एवं संस्कृति के चलते समस्याएं पैदा होती हैं और हालात से निपटना काफी मुश्किल होता है।
सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद सलीम ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी और ममता में कोई अंतर नहीं है। मीडिया में दिखावे के लिए एनआरसी का विरोध करने वाली तृणमूल सरकार राज्य में हिरासत केंद्र बनवाने जा रही है।
We had always known the hidden understanding of BJP & TMC. While the TMC opposes the #NRC in media, it is vehemently supporting BJP by constructing 2 detention centres in New Town & Bongaon.
The Left Front will not allow NRC in Bengal. #NoToNRC https://t.co/8IMdurVzLw
— Md Salim (@salimdotcomrade) November 16, 2019
सलीम ने कहा है कि राज्य में 6370 विदेशी बंदियों में 88.9 फीसदी नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश से हैं। यदि इसका सम्बन्ध एनआरसी से नहीं है तो फिर क्यों टीएमसी 2021 चुनावों से ठीक पहले राज्य में हिरासत केंद्र बनाने में इतनी उत्सुकता क्यों दिखा रही है? सारदा घोटाला जांच से खुद को बचाने के लिए टीएमसी, बीजेपी के लिए रेड कारपेट बिछाएगी।
West Bengal to set up detention centres for arrested foreigners.https://t.co/bNpOGmVDL5
— TIMES NOW (@TimesNow) November 17, 2019
गौरतलब है कि असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद से बंगाल में इसे लेकर आतंक और भय का माहौल फ़ैल गया है। बता दें कि इसी भय के कारण बंगाल में अब तक कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
Ever since #Assam’s final #NRC list was released, fear spread in Bengal about the impending peril along with a mad scramble for gathering legacy papers. #WestBengal https://t.co/xtj1AlMHwH
— Outlook India (@Outlookindia) November 16, 2019
सबसे ताजा घटना में बंगाल के 2019 लोकसभा चुनाव में रानाघाट से बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार जीत के बाद हनुमान के वेश में प्रचार करने वाले निभाष सरकार ने नागरिकता सम्बंधी जरूरी कागजात की कमी के डर से ख़ुदकुशी कर ली थी। राज्य में एनआरसी के डर से अब तक 20 लोगों ने ख़ुदकुशी कर जान दी है।
Remember this?
It was one of the most popular pictures during 2019 Lok Sabha elections in Bengal. The man dressed as Hanuman campaigned for victory of BJP MP Jagannath Sarkar in Ranaghat.
He’s among 20 people who have committed suicide due to fear of NRC in Bengal. pic.twitter.com/EQ5OTHoxXt
— Md Salim (@salimdotcomrade) October 4, 2019
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दो हिरासत केंद्रों में करीब 200 कैदियों को रखा जाएगा। भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी के क्रियान्वयन की मांग कर रही है ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर अवैध घुसपैठियों को बाहर निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में इस कदम की धुर विरोधी हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनआरसी के विरोध में पद यात्रा निकाली थी। उस पदयात्रा में शामिल समर्थकों ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था।
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ऐसे में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर उनकी मंशा पर सवाल उठना लाजमी है।