चेतावनी! आने वाले तीन महीने हो सकते हैं ख़तरनाक, विशेषज्ञों ने चेताया

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देश में कोरोना के साथ ही और भी बीमारियां है, जिन्होंने इस समय कई राज्यों में भारी तबाही मचा रखी है। जबकि अभी दूसरी लहर में कोरोना के मामलों में थोड़ी कमी देखी जा रही है लेकिन इससे संभवी कोरोना की तीसरी लहर को अनदेखा नहीं किया जा सकता। तीसरी लहर को देखते हुए विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दूसरी लहर से राहत जरूर है, लेकिन आने वाले तीन महीनों में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

घर में रहकर ही उत्सव मनाने की जरूरत..

दरअसल, विशेषज्ञों ने यह चेतावनी आने वाले त्योहारों के सीज़न को देखते हुए दी है। जानकारों का कहना है कि आने वाले तीन महीनों में बड़े त्यौहारों व उत्सव का आयोजन होने वाला है, जिससे अधिक से अधिक भीड़ इकट्ठा होने की संभावना है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने और घर में रहकर ही उत्सव मनाने की जरूरत है।

आपको बता दें कि कोरोना महामारी पर शोध कर रहे एक वैज्ञानिक ने अगस्त माह में इस बात की आशंका जताई थी कि अगर भारत में वायरस के मौजूदा वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक कोई नया वैरिएंट सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर पीक पर हो सकती है और खतरनाक डेल्टा वैरिएंट देश में कहर बरपा सकता है।

त्योहारों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरूरी..

उधर, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से तेज़ी से टीकाकरण के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और कोरोना का कोई नया वैरिएंट भी सामने नहीं आया है। इसलिए अब तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा त्योहारों के सीजन में होगा। अगर लोगों द्वारा त्यौहारों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, तो स्थिति फिर से खराब हो सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया का भी यही कहना है कि आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन और उस दौरान कोविड संबंधी तौर-तरीकों का पालन न करना , बड़े पैमाने पर भीड़ का जुटना तीसरी लहर के लिए निर्णायक कारक साबित हो सकता है।


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