1 video,मृत गाय,कुछ आवाज़ें,जो इशारा कर रही है गहरी साजिश की।गाय की तस्वीरें मैंने एडिट कर दी हैं।
“ये ट्रॉली(जिसमें मृत गाय है)किसलिए?”
“ट्रॉली में कैसे(गाय को)भर के लाए?”
“वे भर के लाए हैं”
“यहाँ काटी है गेट में”
“तूने काटी?”
“कुंदन ने काटी है”
“(गाली)ने काटी है”#Bulandshahar pic.twitter.com/YyT45fWFpQ— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 4, 2018
ये पत्रकार और फ़िल्मकार विनोद कापड़ी का ट्वीटहै। साथ में एक एडिटेड वीडियो भी जो बताता है कि बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के पीछे गहरी साज़िश काम कर रही थी। वीडियो उसी समय का है जब गोमांस की अफ़वाह को लेकर बुलंदशहर में हंगामा हो रहा था। इससे साफ़ है कि सियाना में गाय खेत में नहीं काटी गई जैसा कि इस मामले का मुख्य आरोपी और बजरंग दल के जिलाध्यक्ष योगेश राज ने अपनी शिकायत में दावा किया था। गाय काटकर वहाँ लाई गई और काटने वाले का नाम कुंदन है। विनोद कापड़ी ने तमाम ट्वीट के ज़रिए यूपी पुलिस को पूरा वीडियो देने की पेशकश की है ताकि असली गुनहगारों को पकड़ा जा सके।
फ़रार चल रहे योगेश राज ने दावा किया था कि उसने खेत में कुछ ‘मुसलमानों’ को गाय काटते देखा था। उसके पहुँचने पर वे लोग भाग निकले। उसने लेकिन इंडियन एक्सप्रेस में तहसीलदार राजकुमार भास्कर का बयान छपा है। तहसीलदार के मुताबिक “मैं उस इलाके में गया जहाँ वे पशुओं के अवशेष पाए जाने का दावा कर रहे थे। मांस के अवशेष इस तरह से दिख रहे थे, जैसे वे कई दिन पुराने हों और सबको दिखाने के लिए प्रदर्शित किए गए हैं।”
यानी मक़सद, अवशेषों को गोमांस के सबूत बतौर पेश करना था ताकि वबाल हो। इसके साथ जाम वहाँ लगाया गया जहाँ से तब्लीगी जमात के आलमी इस्जितमा से लोगों की वापसी होनी थी। ध्यान रहे कि घटनास्थल से 35-40 किलोमीटर दूर दरियापुर-अढौली गाँव में आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम में 10 से 15 लाख मुसलमान जुटे थे। प्रशासन की पूरी अनुमति और देखभाल के तहत हो रहा यह कार्यक्रम सही सलामत निपट रहा था लेकिन अंत को लेकर दंगाइयों ने जोरदार तैयारियाँ की थीं।
यक़ीनन इंस्पेक्टर सुबोध सिंह राठौर की शहादत की वजह से माहौल बदला, वरना पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को आग में झोंकने की तैयारी थी। 2019 के आम चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश को आग में झोंके बिना सत्ता तक पहुँचना जिन्हें मुश्किल लग रहा है,वे कुछ भी कर सकते हैं।
देखना है कि पुलिस कुंदन का पता लगाती है या फिर दंगाइयों को माथे का चंदन बनाए रखने का सिलसिला जारी रहेगा।