जेएनयू में फिर गूँजा लाल सलाम! सभी पदों पर जीता लेफ़्ट पैनल, एबीवीपी की क़रारी हार!

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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में वाम छात्र संगठनों के मोर्चे को शानदार क़ामयाबी मिली है। आज घोषित नतीजों के मुताबिक़ आइसा के एन.साईं बालाजी 2160 वोट पाकर अध्यक्ष चुने गए हैं। वहीं लेफ्ट पैनल की ही सारिका चौधरी को उपाध्यक्ष, एजाज़ अहमद को महामंत्री और अमुथा जयदीप को संयकुत-सचिव चुना गया है। इसी के साथ जेएनयू लाल सलाम के नारों में डूब गया। 1991 के बाद पहली बार है जब एबीवीपी का एक काउंसिलर तक नहीं जीत सका। यहाँ तक किसी स्कूल ऑफ़ साइंसेज़ को उसका गढ़ माना जाता था, वहाँ भी उसका खाता नहीं खुल पाया।

ग़ौरतलब है कि मतगणना की शुरुआत के साथ ही जेएनयू में वबाल हो गया था। एबीवीपी पर आरोप है कि उसके नेताओं ने बैलट बाक्स छीनने और मतगणनास्थल पर तोड़फोड़ की। कई सालों से जेएनयू को देशद्रोही बताने में जुटे आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठनों ने एबीवीपी को जिताने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया था। यहाँ तक कि बड़ी तादाद में बाहरी लोगों के भी कैंपस में प्रवेश करने की ख़बर है जो बिना विश्वविद्यालय प्रशासन की मदद के संभव नहीं था। लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा।

ज़्यादातर काउंसिलर पदों पर भी लेफ्ट पैनल के प्रतिनिधि ही जीते हैं।  मुख्य पदों पर मिले प्रत्याशियों को मिले वोट इस प्रकार रहे-

■सेंट्रल पैनल (प्रेसिडेंट)
गिने गए वोट-5170
टोटल वोट- 5170
●जाह्नु कुमार हीर -(इंडिपेंडेंट)- 32
●जयंत कुमार ‘जिज्ञासु'(छात्र राजद)-540
●ललित पाण्डेय(एबीवीपी)-982
●एन. साईं बालाजी(लेफ्ट)-2161
●निधि मिश्रा(सवर्ण छात्र मोर्चा)-
●साईब बिलावल(इंडिपेंडेंट)-125
●थल्लापल्ली प्रवीण(बापसा)-675
●विकास यादव(nsui)-402
◆नोटा- 128

■वाइस प्रेसिडेंट
●गीता बरुआ(एबीवीपी)- 1012
●लिजी के बाबू(nsui)- 457
●पूर्णचंद्रा नाईक(बापसा)-644
●सारिका चौधरी(left)- 2592
◆नोटा-

■जेनरल सेक्रेटरी
●एजाज़ अहमद राथेर(लेफ्ट)-2423
●गणेश गुर्जर(एबीवीपी)- 1223
●मो. मोफिजुल आलम(nsui)-328
●विश्वभर नाथ प्रजापति(बापसा)-827
◆नोटा-

■ज्वाइंट सेक्रेटरी
●अमुथा जयदीप(लेफ्ट)- 2047
●कनकलता यादव(बापसा)-
●नुरेंग रीना(nsui)-
●वेंकट चौबे(एबीवीपी)-1290
◆नोटा-

लेफ़्ट के विजयी उम्मीदवार

इससे पहले मतगणना शुक्रवार रात 10 बजे शुरू हुई । लेकिन एबीवीपी के भारी हंगामे की वजह से करीब 14 घंटे तक गतिरोध रहा और शनिवार शाम साढ़े छाह बजे मतगणना शुरू हो पाई। इसके पहले शांति बनाने के लिए सीआरपीएफ तैनात करनी पड़ी।

निर्वाचन अधिकारियों ने  सीधा आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मतगणना पर जबरन प्रवेश करने, मारपीट करने और मतपेटियाँ छीनने का प्रयास किया।

एबीवीपी का आरोप था कि उन्हें मतगणना की जानकारी नहीं दी गई और मतगणना शुरू कर दी गई जबकि निर्वाचन कमेटी ने कहा है कि तीन बार लाउडस्पीकर पर एनाउंस किया गया, आधे घंटे की अवधि में लेकिन एबीवीपी की ओर से कोई नहीं पहुँचा तो मतगणना शुरू करने का फ़ैसला किया गया। 10 उम्मीदवारों के 14एजेंटों के मतगणना स्थल पर पहुणने के बाद सीलबंद बक्सों को खोला गया।

वैसे, जेएनयू की निर्वाचन समिति और उसकी निष्पक्षता की मिसाल दी जाती है। इस समिति में जो लोग होते हैं वे किसी संगठन से नहीं होता।

जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कलकत्ता विश्वविद्यालय से अवकाशप्राप्त प्रोफ़ेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट पर इस बाबत यह जानकारी दी है-

एनयू छात्रसंघ के चुनाव आयोग के सदस्यों का चुनाव प्रत्येक स्कूल की आमसभा में होता है,चुनाव आयोग के लिए कोई भी छात्र अपने नाम का प्रस्ताव पेश कर सकता है,शर्त एक है कि वह किसी संगठन का सदस्य न हो और उस पर किसी को कोई आपत्ति न हो, यानी सर्वसम्मति से नाम चुने जाते हैं,बाद में चुने गए सदस्यों में से चुनाव आयोग अध्यक्ष का चुनाव होता है।यह समूची प्रक्रिया पारदर्शी है,इसे सब देख सकते हैं।यह चयन प्रक्रिया अपने आप में विलक्षण है।

इसका दूसरा उदाहरण कहीं नहीं मिलता।छात्र संघ के चुनाव का संचालन पूरी तरह छात्रों के द्वारा होता है, उनके ही लोग चुनाव आयोग में चुनकर आते हैं, इनमें कोई सरकारी या वि वि प्रशासन का व्यक्ति नहीं रहता। चुनाव आयोग अपने फैसले लोकतान्त्रिक तरीके से लेता है। वह पूरी तरह स्वायत्त होता है।यह सारी दुनिया में असाधारण उदाहरण है।

 



 


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