अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी आयोग (यूएससीआईआरएफ़) ने भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को पास किए जाने पर चिंता जतायी है. विवादस्पद नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को 311 मतों से पारित हो गया.
USCIRF is deeply troubled by the passage of the Citizenship (Amendment) Bill (CAB) in the Lok Sabha. The CAB enshrines a pathway to citizenship for immigrants that specifically excludes Muslims, setting a legal criterion for citizenship based on religion.https://t.co/E8DafI6HBH
— USCIRF (@USCIRF) December 9, 2019
एक प्रेस रिलीज़ में आयोग ने कहा है कि अगर यह विधेयक संसद से पास हो जाता है, तो अमरीकी सरकार को भारत के गृहमंत्री अमित शाह और अन्य प्रमुख नेताओं पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करना चाहिए.
आयोग का कहना है कि कैब के साथ असम में एनआरसी की प्रक्रिया चल ही रही है. भारत के गृहमंत्री अमित शाह इसे पूरे भारत में लागू करना चाहते हैं.
Terming Citizenship (Amendment) Bill "a dangerous turn in the wrong direction", the US Commission on International Religious Freedom (USCIRF) has expressed that the body is "deeply troubled" by Bill's religion criterion.https://t.co/I9odBs3xFz
— The Indian Express (@IndianExpress) December 10, 2019
आयोग को इस बात का डर है कि भारत में भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक टेस्ट पास करना होगा, जिससे लाखों मुसलमानों की नागरिकता जा सकती है.
A federal US commission on international religious freedom has said that the Citizenship (Amendment) Bill is a "dangerous turn in the wrong direction" and sought American sanctions against Amit Shah if the bill is passed by both houses of Parliament.https://t.co/jvhJReu2EW
— The Telegraph (@ttindia) December 10, 2019
सोमवार को देर रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
इस विधेयक में बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है.