पंचायत ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को लेकर यूपी के शिक्षक बेहद आक्रोश में हैं। उ.प्र.शिक्षक महासंघ ने 2 मई की मतगणना स्थगित करने की माँग की है और ऐसा न होने पर मतगणना का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त को महासंघ की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि 12 अप्रैल को महासंघ के अध्यक्ष ने पत्र लिखकर सचेत किया था कि निर्वाचन से पूर्व शिक्षकों के प्रशिक्षण के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स के हिसाब से व्यवस्था नहीं की गयी है जिससे शिक्षकों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। परिस्थितियाँ चुनाव के अनुकूल नहीं हैं। यदि चुनाव कराये जाते हैं तो कर्मचारियों और शिक्षकों के जीवन को खतरा हो सकता है।
पत्र में अफसोस जताया गया है कि इसके बावजूद महामारी के समय शिक्षकों को मतदान कराने भेजा गया और हजा़रों शिक्षकों और कर्मचारियों की कोरोना की वजह से मौत हो गयी।
महासंघ ने कहा है कि संक्रमण से जूझ रहे शिक्षकों की अब मतगणना में ड्यूटी लगा दी गयी है जो कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। पत्र में मतगणना स्थगित करने और जान गँवाने वाले सभी शिक्षकों व कर्मचारियों के परिजनों को पचास लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि परिस्थितयों को देखते हुए उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने फैसला किया है कि अगर 2 मई की मतगणना स्थगित न की गयी तो शिक्षक इसका बहिष्कार करेंगे।
पत्र को में यूपी विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता सुरेश कुमार त्रिपाठी, विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी, महासंघ के संयोजक हेम सिंह पुण्डीर, उ.प्र.बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा.दिनेश चंद्र सहित कई शिक्षक नेताओं के हस्ताक्षर हैं।