उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से बिगड़े हालात की चर्चा चारो तरफ़ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के पाँच राज्यों में हुए चुनावों के दौरान काफ़ी रैलियाँ कीं और बंगाल में बीजेपी के वे आज भी स्टार प्रचारक हैं, लेकिन लखनऊ में त्राहि-त्राहि मची है। हालत ये है कि भैंसाकुंड अंत्येष्टि स्थल पर शव दाह के लिए लंबी लाइन लगी हुई है। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं और जाँच भी नहीं हो पा रही है। हालत ये है कि कल यानी सोमवार को लखनऊ की पहचान रहे इतिहासकार योगेश प्रवीन को बीमार पड़ने पर घंटों एंबुलेंस नहीं मिली और उनका निधन हो गया।
यह सब किसी विरोधी दल का आरोप नहीं है। सूबे के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने यह स्वास्थ्य सचिव को लिखे अपने गोपनीय पत्र में कहा है। पढ़िये ये पत्र-
ब्रजेश पाठक ने पत्र में लिखा है कि अगर स्थिति न नियंत्रित हुई तो लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। ज़ाहिर है, विपक्षी दलों ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है-
लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक एवं चिंताजनक है। उप्र सरकार के कानून मंत्री की यह चिट्ठी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां कर रही है।
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने अपने पत्र में साफ कहा है न एंबुलेंस है, न बेड और न ही जांच।
जिस मुख्यमंत्री से लखनऊ नहीं संभल रहा उससे उप्र क्या संभलेगा। pic.twitter.com/Y1UU5rP0Jm
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) April 13, 2021