महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम का फिलहाल पटाक्षेप होता दिख रहा है। बुधवार देर रात शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री पद का दावा पेश किया। राज्यपाल की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि मौखिक अनुरोध के आधार पर ठाकरे को शुक्रवार, 28 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ दिलायी जाएगी।
Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari writes to Uddhav Thackeray stating,"as requested today orally,the oath of office&secrecy would be administered to you on Thursday, 28 November at 1840 hours at Shivaji Park, Dadar, Mumbai." pic.twitter.com/ZbdA7qSkUW
— ANI (@ANI) November 26, 2019
महाराष्ट्र में हुए इस नाटकीय बदलाव को एनसीपी के नेता शरद पवार की कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास अब भी एक मौका था कि वह ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य के मतदाताओं से मिले जनादेश का सम्मान करती। इसके बावजूद अब भी राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार का बननापूरी तरह तय नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि सब कुछ बहुमत सिद्ध करने पर टिका हुआ है।
इस बीच बुधवार को तेजी से घटे घटनाक्रम में आधी रात के अंधेरे में तीन दिन पहले गोपनीय तरीके से शपथ दिलाकर मुख्यमंत्री बनाए गए देवेंद्र फणनवीस ने इस्तीफा दे दिया था। देर रात तक भाजपा की बैठक जारी थी।
Mumbai: Meeting of BJP MLAs underway at the party's office. #Maharashtra pic.twitter.com/u4lgVYv5Zi
— ANI (@ANI) November 26, 2019
बैठक में फणनवीस ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं। फणनवीस से पहले डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया था जब सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया।
इसके बाद आश्चर्यजनक घटनाक्रम में अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से मिलने उनके आवास पर चले गए।
राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को अपने बहुमत का पत्र सौंपने के लिए 3 दिसंबर तक का वक्त दिया है।
Maha governor gives Uddhav Thackeray time till Dec 3 to hand over letter showing majority support #MahaGovtFormation
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2019