प्रवीण तोगडि़या के विश्व हिंदू परिषद से अलग होने के बाद पहला बड़ा असर असम में दिखा है। यहां बजरंग दल और विहिप के नब्बे फीसदी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने संगठनों से इस्तीफ़ा दे दिया है। इन्होंने 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिला़फ़ प्रचार करने का निर्णय लिया है।
गोहाटीप्लस की ख़बर के अनुसार बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक दीपज्योति शर्मा ने बताया कि 820 बजरंग दल काडरों में चार को छोड़ कर सभी ने इस्तीफ़ा दे डाला है। शर्मा के मुताबिक असम में विहिप के 14000 कार्यकर्ताओं में से 13900 ने इस्तीफ़ा दे दिया है। अकेले गोहाटी में विहिप के सक्रिय 400 सदस्यों में से 380 संगठन छोड़ गए। विहिप के राज्य सलाहकार भी संगठन से अलग हो गए हैं। बजरंग दल की राज्य कार्यपरिषद में 11 में से 10 सदस्यों ने 24 मई को आधिकारिक इस्तीफ़ा दे डाला।
यह सारा घटनाक्रम महीने भर पहले संगठन से अलग हुए प्रवीण तोगडि़या के बाद हो रहा है। तोगडि़या के इस्तीफ़ा देने की चजह यह थी कि उनके प्रत्याशी राघव रेड्डी को अध्यक्ष पद का चुनाव हरवा दिया गया था। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ बताया जाता है। तोगडि़या लंबे समय से केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे थे। उन्होंने सरकार के खिलाफ़ एक किताब भी लिखी थी जिस पर आरएसएस और भाजपा ने नाराज़गी जताई थी।
तोगडि़या आगामी 24 जून को दिल्ली में एक नया हिंदू संगठन बनाएंगे और उसके बाद उनका असम का दौरा है जहां वे कई जनसभाओं को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि आरएसएस के कुछ लोग भी इस नए संगठन में आएंगे।
guwahatiplus.com से साभार