मीडियाविजिल प्रतिनिधि । लखनऊ / नोएडा / दिल्ली
शनिवार 8 जून की दोपहर राष्ट्रीय राजधानी के पत्रकारों के बीच अचानक ख़बर फैली कि प्रशांत कनौजिया नाम के एक पत्रकार को यूपी पुलिस सादी वर्दी में दिल्ली स्थित उनके घर से उठा ले गयी है। शाम होते-होते दिल्ली में पत्रकार सक्रिय हुए तो लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हज़रतगंज थाने पहुंच गए। सही ख़बर तब मिली जब रात में हज़रतगंज थाने से एक प्रेस विज्ञप्ति आई जिसमें गिरफ्तारी की पुष्टि थी। इसी रात नोएडा से दो और मीडियाकर्मियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के इन सारे मामलों के तार एक ही घटना से जुड़े बताए जा रहे हैं हालांकि लखनऊ पुलिस और नोएडा पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में उसका अलग से जि़क्र नहीं है। लखनऊ पुलिस ने शनिवार रात प्रशांत कनौजिया से संबंधित जो प्रेस नोट जारी किया उसका शीर्षक है- ‘’सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने व अफवाह फैलाने वाला हुआ गिरफ्तार’’।
इस नोट में उक्त अपराध के लिए आइपीसी की धारा 500, 505 और आइटी एक्ट की धारा 67 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराए जाने का जि़क्र है। ‘’अभद्र टिप्पणी और अफवाह’’ क्या है, इसका कोई हवाला नोट में नहीं है लेकिन यह बात अलग से बतायी गई है कि कनौजिया का ‘’वर्तमान में किसी न्यूज़ एजेंसी से जुड़ा होना नहीं बताया गया है’’।
इस मामले में एफआइआर एक पुलिसकर्मी ने दर्ज करवायी है। इसमें आइपीसी की धारा 500 और आइटी एक्ट की धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज है। एफआइआर और प्रेस नोट में इस मामले में साफ़ फ़र्क दिखाई देता है। आखिरी सूचना तक कनौजिया को लखनऊ की सुल्तानगंज पुलिस चौकी में रखा बताया गया है। आज इतवार है। अदालत बंद है, इसलिए कनौजिया की अदालत में पेशी सोमवार को की जानी संभव है।
कनौजिया से संबंधित मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि नोएडा से दो और मीडियाकर्मियों की गिरफ्तारी का प्रेस नोट पुलिस ने जारी किया। नोट के मुताबिक नोएडा के सेक्टर 65 से चलने वाले यूट्यूब चैनल ‘नेशन लाइव’ की चैनल प्रमुख इशिता सिंह और संपादक अनुज शुक्ला को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ‘’पर लगाए गए कतिपय मानहानिकारक आरोपों का बिना तथ्यों की जांच के प्रसारण’’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यहां भी इस मामले में पुलिस ने आइपीसी की धारा 505(1), 505(2), 501 और 153 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
नोट में बताया गया है कि इसके अतिरिक्त जांच में यह भी पाया गया है कि उक्त चैनल के पास संचालन के संबंध में कोई लाइसेंस नहीं है1 प्रेस नोट कहता है कि ‘’उक्त चैनल ‘नेटवर्क 10’ नामक न्यूज़ चैनल के लाइसेंस पर बिना अनुमति प्राप्त किए संचालित किया जा रहा है।‘’ इसे धोखाधड़ी मानते हुए धारा 419/420/467/468/471 के तहत एक और एफआइआर दर्ज की गई है। पहली एफआइआर पुलिस उपनिरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने पंजीकृत करवायी है। दूसरी एफआइआर जिला सूचना कार्यालय की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज की है।
Press Release reg arrest of Channel Ownerप्रशांत कनौजिया, अनुज शुक्ला और इशिता सिंह की गिरफ्तारी एक ही मामले से जुड़ी बतायी जा रही है। तीन दिन पहले मीडिया में एक महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में एक बयान दिया था। इसे कई टीवी चैनलों और अखबारों ने प्रमुखता से जगह दी। इसी बयान का वीडियो कनौजिया ने अपने फेसबुक और ट्विटर पर एक टिप्पणी के साथ साझा किया था। इसी बयान पर नेशन लाइव चैनल ने उक्त महिला को लाइव प्रसारण में जोड़कर परिचर्चा करवायी थी। इससे पहले हालांकि योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर कनौजिया ने एक टिप्पणी मुख्यमंत्री के ट्वीट पर की थी। कनौजिया के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी सोशल मीडिया पोस्ट उनकी गिरफ्तारी का कारण बनी है।
इसी बीच शनिवार को समाजवादी पार्टी का प्रचार करने वाली पत्रिका सोशलिस्ट फैक्टर के संपादक फ्रैंक हुजूर को लखनऊ की दिलकुशा कालोनी स्थित उनके सरकारी आवास से बाहर निकाल दिया गया और उनका सारा सामान बाहर फेंक दिया गया। उन्हें यह आवास खाली करने का नोटिस मिला हुआ था। हुजूर ने अपनी बिखरी हुई किताबों की तस्वीर लगाकर ट्वीट किया है।
शनिवार को स्वतंत्र रूप से घटी इन तीन घटनाओं में कनौजिया का मामला काफी चर्चित रहा और उन्हें लेकर चलाया गया हैशटैग ट्विटर पर शाम को पांचवें स्थान पर ट्रेंड करता रहा। कनौजिया भारतीय जनसंचार संस्थान से दो साल पहले पढ़कर निकले हैं, कुछ जगहों पर नौकरी की है और फिलहाल किसी मीडिया संस्थान से संबद्ध नहीं हैं।
सोमवार को दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन पर कनौजिया की गिरफ्तारी को लेकर कुछ संगठन प्रदर्शन करने जा रहे हैं। रिहाई मंच ने इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। सिद्धार्थ वरदराजन सहित कुछ बड़े पत्रकारों ने इस मामले पर ट्वीट किया है।
Shocking for UP cops to arrest anyone for posting this news clip with a comment of his own. Adityanath perhaps doesn't know this woman and may consider the fact that Prashant took her claim of having video-chatted with him at face value 'objectionable'. But arrest is abuse of law https://t.co/A8wcfwnW5L
— Siddharth (@svaradarajan) June 8, 2019
समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से ट्वीट करते हुए गिरफ्तारी की भर्त्सना की है और आंदोलन की तैयारी कर रही है।
पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना! कानून व्यवस्था के मामले में फेल सरकार पत्रकारों पर अपनी हताशा निकाल रही है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 8, 2019
चूंकि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बारे में वीडियो बयान देने वाली महिला की बाइट कई चैनलों ने भी चलायी थी, अखबारों ने उसे छापा था, सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने उसे शेयर किया था और मीडिया से जुड़े वॉट्सएप समूहों में वह वीडियो बड़े पैमाने पर प्रसारित हुआ था इसलिए सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर यूपी पुलिस कुछ चुनिंदा व्यक्तियों को ही इस मामले में निशाना क्यों बना रही है।
माना जा रहा है कि यह मामला आने वाले एकाध दिनों में और फैलेगा। कुछ चैनलों को नोटिस भेजे जाने की बात भी सामने आई है। कुछ और गिरफ्तारियों की भी खबर पत्रकारों के बीच चल रही है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। इस बीच एक बड़ा सवाल यह है कि इन तमाम गिरफ्तारियों के पीछे जिस महिला के वीडियो का प्रसारण जिम्मेदार माना गया है, वह महिला फिलहाल कहां है और किस स्थिति में है।