उच्चतम न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद 2002 में सरदारपुरा में भड़के दंगों में 14 दोषियों को मंगलवार को जमानत दे दी. इस घटना में 33 मुस्लिमों को जिंदा जला दिया गया था. न्यायालय ने उन्हें मध्यप्रदेश जाने तथा वहां सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है.मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दोषियों को जमानत दी.
2002 Gujarat riots case: Supreme Court grants bail to 14 convicts in the Sardarpura village case. A Bench headed by Chief Justice SA Bobde grants bail to the convicts & asks them to do social service during the duration of the bail. pic.twitter.com/qN36C30iha
— ANI (@ANI) January 28, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दो अलग-अलग बैच में रखा. एक बैच को इंदौर और एक बैच को जबलपुर भेजा. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को कहा कि जमानत पर रहने के दौरान वो सामाजिक काम और धार्मिक काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में विधिक अधिकारियों से कहा है कि वो जमानत के दौरान दोषियों द्वारा आध्यात्मिक और सामाजिक कार्य करने को सुनिश्चित करें.
न्यायालय ने कहा कि जमानत की शर्तों के तहत सभी दोषियों को प्रत्येक हफ्ते छह घंटे की सामुदायिक सेवा करनी होगी. इसके अलावा उन्हें हर हफ्ते स्थानीय थाने में पेश होना पड़ेगा.
गौरतलब है कि सरदारपुरा हिंसा में 33 मुसलमानों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था. इसमें हाईकोर्ट ने 14 लोगों को बरी कर दिया था और 17 को लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी.