सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप का शिकार हुई बिलकिस बानो की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार को आदेश दिया कि पीड़िता को दो हफ्ते के भीतर 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. साथ ही आदेश दिया कि बिलकिस बानो को सरकारी नौकरी और रहने के लिए आवास भी दिया जाए.
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today directed the Gujarat government to pay a compensation of Rs 50 lakh as well as a job and accommodation to gangarape survivour Bilkis Bano within two weeks. pic.twitter.com/WseclTSb9l
— ANI (@ANI) September 30, 2019
बिलकिस बानो की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी गुजरात सरकार ने उसे अभी तक कुछ भी नहीं दिया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश का पालन करने के लिए सिर्फ दो हफ्ते का समय दिया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बानो को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया था.
बिलकिस बानो साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई थी.
Gang rape surviver of 2002 Gujarat riots : SC asked state to pay Rs 50 lakh and also a job to her in 2 weeks . SC Bench led by CJI records the statement of Solicitor General Tushar Mehta
— Live Law (@LiveLawIndia) September 30, 2019
पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को गुजरात सरकार ने बताया था कि इस मामले में चूक करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
साल 2002 के ‘गुजरात दंगा मामले’ में मुंबई की विशेष अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 लोगों को दोषी ठहराते हुए उनको उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने पुलिसकर्मी और डॉक्टरों सहित सात लोगों को बरी कर दिया. इसके बाद यह केस हाई कोर्ट में पहुंचा था. हाई कोर्ट ने चार मई 2017 को इस मामले में फैसला सुनाया था. इस फैसले में पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों समेत सात को दोषी ठहराया था.