स्टाफ़ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) परीक्षाओं में धाँधली का आरोप लगाते हुए हज़ारो अभ्यर्थियों ने बीती फ़रवरी-मार्च में दिल्ली में ज़बरदस्त आँदोलन चलाया था। इसका असर देश के कई राज्यों की राजधानियों में भी दिखा था जहाँ स्वत:स्फूर्त ढंग से छात्र-छात्राएँ सड़कों पर आए थे। मामले की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगता है कि सरकार आरोपों की सीबीआई जाँच कराने को मजबूर हुई जिसने 16 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। लेकिन अजब बात यह रही कि सरकार ने एसएससी के चेयरमैन के रूप में निशाने पर रहे आईएएस असीम खुराना का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है।
इस सूचना से परीक्षार्थियों का आक्रोश और भड़क गया है। उनकी माँग है कि चेयरमैन खुराना को बरख़ास्त किया जाए जिनके संरक्षण में लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। साथ ही न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जाँच की प्रक्रिया तेज़ की जाए।
दिल्ली में छात्रों ने अपने आंदोलन को संस्थागत रूप देने के लिए रोज़गार माँगे इंडिया का गठन किया था। यह संगठन रोज़गार के सवाल पर राष्ट्रव्यापी पहल लेने की कोशिश कर रहा है। संगठन की ओर से जेएनयू की पूर्व अध्यक्ष सुचेता डे ने पूरे मसले पर एक बयान भेजा है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं-
” आज से लगभग 3 महीने पहले SSC के केंद्रीय कार्यालय समेत देश के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों पर SSC में व्यापक धांधली के खिलाफ छात्रों के द्वारा प्रदर्शन किया गया. इस वर्ष SSC CGL टियर 2 की परीक्षा 17 फरवरी से 22 फरवरी के बीच करवाई गई थी. इस पूरी परीक्षा प्रक्रिया में धांधली व भ्रष्टाचार के स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं. उदाहरण के लिए, 21 फरवरी को होने वाली परीक्षा की उत्तरकुंजी (Answer Key) लोगों के बीच SSCtube के जरिए सोशल मीडिया पर जारी हुई. बाद में SSC ने 21 फरवरी को सुबह पाली में होने वाली परीक्षा रद्द कर 9 मार्च को करने की घोषणा की. लेकिन SSC ने पेपर लीक मामले को स्वीकार करने के बजाय कहा कि ‘कुछ तकनीकी कारणों’ से यह समस्या खड़ी हुई है. छात्रों के बड़े प्रतिरोधों के बाद केंद्र सरकार को फरवरी में हुई एसएससी सीजीएल टियर 2 की परीक्षा की सीबीआई जांच के लिए बाध्य होना पड़ा.
लेकिन कुछ दिन पहले एसएससी चेयरमैन असीम खुराना, जिनकी अध्यक्षता में एसएससी की परीक्षाओं में व्यापक धांधली हुई, को केंद्र सरकार द्वारा 1 वर्ष का कार्यकाल बढ़ा कर सम्मानित किया गया. असीम खुराना की अध्यक्षता में लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. देश भर में एसएससी घोटाले के खिलाफ चल रहे छात्रों के आन्दोलन के दौरान ही, छात्रों द्वारा दिए गए स्पष्ट सबूतों के बावजूद एसएससी चेयरमैन ने पेपर लीक या धांधली को मानने से साफ इनकार कर दिया था. उनके द्वारा आंदोलन कर रहे छात्रों को धमकी भरा नोटिस भी भेजा गया जिसमें कहा गया था कि SSC के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों पर सीबीआई जांच कराई जाएगी. बतौर एसएससी चेयरमैन उन्होंने उन लाखों एसएससी प्रतियोगियों को धांधली के बारे में कोई भी जवाब देने से साफ मना कर दिया. धांधली से इंकार कर भ्रष्टाचार में लिप्त निजी ठेका कंपनियों को बचाने की भी कोशिश की. देश भर के छात्रों द्वारा मांग की गई कि एसएससी चेयरमैन को उनके पद से हटाया जाना चाहिए. और अब सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया है। क्या यह महज इत्तेफाक की बात है कि असीम खुराना उसी गुजरात लोकसेवा कैडर में से हैं जहां से प्रधानमंत्री देश के शीर्ष पदों के लिए लोगों को चुनते हैं। सीबीएसई प्रमुख अनीता करवाल, जिनके कार्यकाल के दौरान हाल ही में सीबीएसई में पेपर लीक हुआ, वो भी उसी कैडर से आती हैं। क्या अब यह मान्यता बना दी गई है कि भी यदि सत्ता में बैठी पार्टी के प्रति आप वफादार है तो बड़े घोटाले करके भी बच सकते हैं?
निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग कर रहे छात्रों के प्रति एसएससी और केंद्र सरकार का रवैया दिखाता है कि उन्हें युवाओं के भविष्य की कितनी चिंता है-
- इस वर्ष फरवरी-मार्च में देशभर में छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के दबाव में सरकार ने केवल एसएससी सीजीएल टियर 2 के लिए सीबीआई जांच गठित की. CGL के अलावा अन्य परीक्षाओं में भी घोटाले के सबूत मिले हैं. उदाहरण के लिए, इस वर्ष मार्च में आयोजित CHSL की परीक्षा में 1 परीक्षार्थी को कई प्रवेश पत्र जारी हुए हैं। लेकिन SSC ने इसे धांधली के लिए साक्ष्य मानने से इनकार कर दिया और SSC परीक्षा की पूरी प्रक्रिया की सीबीआई जांच गठित करने की मांगों की छात्रों की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया ।
- सीजीएल टियर 2 की परीक्षा की सीबीआई जांच शुरू होने से पहले, एसएससी ने कई मीडिया चैनलों को सीबीआई द्वारा जाँच के लिए सीजीएल टियर 2 की उत्तरपुस्तिका (Answer Script) जप्त होने के बारे में जानकारी दी थी. दूसरी ओर, SSC ने 8 जून 2018 को SSC CGL का परिणाम घोषित करने की तिथि जारी कर दी । जब जांच चल रही है, सीबीआई ने CGL टियर 2 के सभी Answar Script जप्त कर लिया है, तो फिर इस परीक्षा के परिणाम को कैसे घोषित किया जा रहा है ? इस बात की क्या विश्वसनीयता है कि जिस परीक्षा में पेपर लीक और धांधली हुई है उसका मूल्यांकन निष्पक्ष होगा ?
- उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश टास्क फोर्स ने स्पष्ट तौर पर अपनी जांच में उल्लेख किया है कि प्राइवेट ठेका कंपनी SIFY SSC घोटाले में शामिल है। लेकिन आज तक SSC या SIFY के किसी भी बड़े पदाधिकारी पर जाँच नहीं हुई और न ही सजा दी गई । SSC के अधिकारियों और प्राइवेट ठेका कंपनी SIFY के बीच सांठगांठ भी इसके साक्ष्य हैं । 31 मई 2018 को सिफ़ी का टेंडर खत्म होने वाला है लेकिन अभी तक SSC की तरफ से कोई नया टेंडर जारी नहीं हुआ है । क्या एसएससी चेयरमैन की तरह सिफ़ी का भी कार्यकाल (घोटाले के बावजूद) बढ़ाने की तैयारी है ?
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एसएससी की अमूमन परीक्षाएं अपने निर्धारित समय से एक-दो साल पीछे चल रही हैं. उदहारण के तौर पर, 2017 में होने वाली एसएससी CGL टियर 2 की परीक्षा फरवरी 2018 में आयोजित की गई । SSC जैसी परीक्षाएं कई साल देर से हो रही हैं, लेकिन छात्रों की उम्र सीमा में कोई छूट नहीं दी जा रही है । और वहीँ पर एसएससी चेयरमैन जिसके कार्यकाल के दौरान इतना बड़ा घोटाला हुआ उनके कार्यकाल को 1 साल तक बढ़ा दिया जाता है । आखिर सरकार किसके पक्ष में काम कर रही है?
- इसके अलावा, छात्रों द्वारा इस बात की भी मांग की गई थी कि एसएससी परीक्षा का मूल्यांकन में Normalisation शुरू किया जाए ! हालांकि SSC CGL 2018 परीक्षा के लिए अधिकारियों ने Normalisation की घोषणा की है. लेकिन इसके लिए अभी तक कोई फार्मूला नहीं दिया गया है । आगे होने वाली एसएससी सीपीओ की परीक्षा जून के महीने में निर्धारित की गई है लेकिन इस परीक्षा में Normalization के बारे में एक शब्द भी SSC द्वारा नहीं कहा गया है । क्यों परीक्षार्थियों की इन महत्वपूर्ण मांगों पर इतना गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया जा रहा है?
बड़े पैमाने पर हुए SSC में भ्रष्टाचार के कारण लाखों परीक्षार्थियों का भविष्य दांव पर है. इसलिए एसएससी घोटाले से जुदा हुआ सवाल पूछना हम सब की जिम्मेदारी है.
रोजगार मांगे इंडिया एसएससी परीक्षार्थियों की मांगों के साथ डटकर खड़ी है –
- एसएससी चेयरमैन असीम खुराना को बर्खास्त किया जाए!
- न्यायालय की निगरानी में SSC की पूरी परीक्षा प्रक्रिया की सीबीआई जांच हो !
- सिफ़ी का टेंडर रद्द किया जाए और SSC में धांधली के तहत उसकी भी जांच हो !
- CBI जाँच तेज करो! दोषियों को सजा दो! फरवरी 2018 में हुई SSC CGL Tier 2 की परीक्षा का रिजल्ट सीबीआई जाँच पूरी होने तक रोका जाए !
- आवेदन के लिए उम्र सीमा निर्धारण में छूट दी जाए । ताकि एसएससी द्वारा समय पर परीक्षा न होने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़े ।
- विज्ञापन जारी होने के 6 महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो ताकि वार्षिक भर्ती प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो । “