ग़रीबों की मदद के लिए ख़ज़ाने का ताला खोले सरकार- सोनिया गांधी

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कोरोना महामारी में मजदूरों की दुर्दशा और उनकी समस्याएं देखते हुए कांग्रेस ने अपना ऑनलाइन अभियान स्पीक-अप शुरू किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसकी शुरुआत करते हुए गरीबों, श्रमिकों और मजदूरों के लिए उचित सुविधाओं की मांग की है। साथ ही गरीबों की मदद के लिए नकद हस्तांतरण की भी बात कही है। जहां भाजपा अपने कार्यकाल में हुए कामों के प्रचार के लिए ई-रैलियां करने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने महामारी के दौरान वंचितों की आवाज़ उठाने के लिए सोशल मीडिया का शानदार उपयोग किया है।

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LIVE: कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी का देशवासियों और भाजपा सरकार को संदेश #SpeakUpIndia

Posted by Indian National Congress on Thursday, May 28, 2020

सोनिया गांधी ने सरकार से क्या मांग की हैं ?  पढ़ें-

“पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं। करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ।

पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के सब साथियों ने, अर्थ-शास्त्रियों ने, समाज-शास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है। इसलिए, कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज बुलंद करने का यह सामाजिक अभियान चलाना है।

हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरत मंदों को राहत दीजिये। हर परिवार को छः महीने के लिए 7,500 रू़ प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10,000 रू़ फौरन दें। मज़दूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर घर पहुंचाईये और उनके लिए रोजी रोटी का इंतजाम भी करें और राशन का इंतजाम भी करें। महात्मा गाँधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससें गांव में ही रोज़गार मिल सके। छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिये, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो।

आज इसी कड़ी में देशभर से कांग्रेस समर्थक, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी सोशल मीडिया के माघ्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे है । मेरा आपसे निवेदन है कि आप भी इस मुहिम में जुड़िए, अपनी परेशानी साझा कीजिए ताकि हम आपकी आवाज को और बुलंद कर सकें। संकट की इस घड़ी में हम सब हर देशवासी के साथ हैं और मिलकर इन मुश्किल हालातों पर अवश्य जीत हासिल करेंगे।” 


 


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