कांग्रेस कार्समिति की आज हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने किसानों के प्रति सरकार क रवैये के लिए मोदी सरकार की तीखी आलोचना की। साथ ही अर्णव गोस्वमी की व्हाट्सऐप चैट को लेकर सरकार की चुप्पी का भी सवाल उठाया। कार्यसमिति की बैठक में यह भी तय हुआ कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जून में एआईसीसी का सत्र बुलाया जायेगा।
सोनिया गाँधी ने कहा कि सरकार न सिर्फ किसानों को लेकर संवेदनहीन है बल्कि वह अंहकारी रुख भी दिखा रही है। कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जो प्रदर्शन हो रहे हैं, इससे साफ है कि इन क़ानूनों को जल्दबाज़ी में तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सिर्फ़ पहेलियाँ बुझा रही है। सोनिया ने कहा कि कृषि क़ानूनों को लेकर कांग्रेस का स्टैंड बहुत साफ है कि हम इन्हें पूरी तरह ख़ारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियाद को ही ख़त्म कर देंगे।
सोनिया गाँधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलेत हुए कहा जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का सर्टिफ़िकेट देते हैं, वे पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्णव गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की व्हाट्सऐप चैट का हवाला देते हुए सोनिया गाँधी ने कहा, ‘हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बहुत ही चिंताजनक ख़बरें सामने आईं और इसके साथ समझौता किया गया। कुछ दिन पहले ही पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सैन्य ऑपरेशन के सीक्रेट्स को लीक करना राजद्रोह है। लेकिन सरकार इस पर चुप बैठी हुई है और जो कुछ सामने आया है वह बहुत बड़ी बात है।’
बाद मे हुई प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अर्णव गोस्वामी के चैट को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पैदा हुए विवाद की जेपीसी जाँच की माँग करती है। साथ ही पार्टी कोरोना का वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को बधाई देती है लेकिन अफसोस की बात है कि पूरे देश को कोरना का टीका उपलब्ध कराने को लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट रणनीति अब तक नहीं है। कंपनियाँ बाज़ार में टीका बेचकर मुनाफ़ा कमाने की कोशिश कर रही हैं।
के.सी.वेणुगोपाल ने बताया कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव जून में होगा, हालाँकि पहले यह मई में प्रस्तावित था। इस आशय का प्रस्ताव कार्यसमिति ने एकमत होकर स्वीकार किय है।