दिल्ली में कान्स्टीट्यूशन क्लब के बाहर जेएनयू के चर्चित छात्र नेता उमर ख़ालिद पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई है। हालाँकि हमला करने वाले पिस्तौल छोड़कर भाग गए हैं और पुलिस का दावा है कि गोली नहीं चली है। जो भी हो, इतना तो तय है कि उमर ख़ालिद जैसों की जान ख़तरे में है और 15 अगस्त को लेकर चप्पे-चप्पे सुरक्षा के तमाम दावों के बीच संसद से कुछ सौ मीटर दूर पर लोग पिस्तौल खोंस कर चल रहे हैं।
नीचे पढ़िए कुछ पत्रकारों की फ़ौरी प्रतिक्रियाएँ जो फ़ेसबुक से ली गई है।
आज दिल्ली हाई सिकुरिटी पर है क्योंकि आज 15 अगस्त की फूल ड्रेस रिहर्सल थी। ऐसे में संसद से म्हज कुछ मीटर दूर, अत्यधिक संवेदनशील कॉन्स्टिट्यूशन कल्ब में उमर खालिद पर अचानक हुई फायरिंग से दिल्ली पुलिस की चाक चौबंद सुरक्षा के दावों की हकीकत सामने आ गयी। सनद रहे दो दिन पहले मुंबई के नाला सोपारा इलाके से भारी विस्फोटकों के साथ पकड़े गए तीन हिन्दू आतंकियों के कब्जे से कल ही पुलिस को 10 पिस्टल भी मिले हैं।
कुछ ही देर पहले कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर अफरातफरी मच गई है। फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई है। पुलिस ने मौके से पिस्टल जब्त कर ली है। साथ ही फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उमर खालिद पूरी तरह सुरक्षित हैं।
उमर खालिद के साथ मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उमर खालिद हमारे साथ थे। हम लोग एक चाय की दुकान पर खड़े थे। तभी सफेद शर्ट पहने एक व्यक्ति वहां पहुंचा। उसने उमर खालिद को धक्का दिया और उस पर गोली चला दी। धक्का दिए जाने से खालिद का संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़े। इस वजह से वह बच गए और गोली उन्हें नहीं लगी। हमने हमलावर को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन उसने हवाई फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान उसके हाथ से पिस्टल फिसलकर गिर गई और वह भाग निकला।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम यूनाइटेड अगेंस्ट हेट में जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल रूम में 17 जनवरी 2016 को फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाले छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला, मेवात में उन्मादी हिंसा में मारे गए जुनैद की मां फातिमा, झारखंड में उन्मादी हिंसा में मारे गए अलीमुद्दीन की पत्नी मरयम, हापुड़ में उन्मादी हिंसा का शिकार हुए समयदीन, दिल्ली में मुस्लिम गर्लफ्रैंड के परिवार द्वारा बेरहमी से हत्या किए 23 वर्षीय अंकित सक्सेना के पिता यशपाल सक्सेना, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के निलंबित डॉक्टर काफिल खान समेत सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, सांसद मनोज झा, डीयू प्रोफेसर अपूर्वानंद, पूर्वी आईजी एसआर दारापुरी समेत कई वरिष्ठ पत्रकारों को शामिल होना था। इस कार्यक्रम में देश में होने वाली उन्मादी और धार्मिक हिंसाओं जैसेे मुद्दों पर चर्चा होनी थी। पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। बहरहाल इसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध है
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वह कौन सी जगह है जहां दिल्ली में आज फायरिंग हुई है?
मोदी की नहीं जानता, लेकिन सरकार का इकबाल खत्म हो गया है! सरकार समर्थक बावले हो गए हैं. बेलगाम हो गए हैं. मुझे नहीं लगता कि वे सरकार के काबू में भी हैं.
उन्हें पागल बनाने में मीडिया की भी भूमिका है. अपराध उनका भी है.
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मैने दर्जनों बार भाषण दिया है और सैकड़ों सेमिनार और सम्मेलन में हिस्सा लिया है. इस क्लब की सदस्यता सिर्फ सांसदों को मिलती है. यह दिल्ली की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है. यहां प्रधानमंत्रियों तक का आना जाना होता है.
इस क्लब के इतिहास में तो छोड़िए, आस पास भी कभी फायरिंग नहीं हुई.. यहां सामान्य दिनों में जितने नागरिक होते हैं, उससे ज्यादा सुरक्षाकर्मी होते हैं.
मैं बताता हूं कि वहां 800 मीटर के दायरे में क्या है –
संसद भवन,
राष्ट्रपति भवन,
प्रधानमंत्री कार्यालय,
विदेश मंत्रालय,
गृह मंत्रालय,
रक्षा मंत्रालय,
वायु सेना मुख्यालय,
विदेश मंत्रालय,
वित्त मंत्रालय,
रिजर्व बैंक,
जल संसाधन मंत्रालय,
श्रम मंत्रालय,
रेल मंत्रालय,
कृषि मंत्रालय,
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय,
स्वास्थ्य मंत्रालय,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
युवा और खेल मंत्रालय,
पेट्रोलियम मंत्रालय,
कोयला मंत्रालय,
प्रेस क्लब,
पीटीआई,
यूएनआई,
संचार मंत्रालय,
चुनाव आयोग,
डाक भवन,
उद्योग मंत्रालय
नीति आयोग,
रेड क्रॉस भवन,
आंबेडकर फाउंडेशन,
कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के घर ,
संसद मार्ग थाना,
आकाशवाणी भवन……
यह अभूतपूर्व सरकार है.
जो अब तक नहीं हुआ, वह सब होगा.
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Omar Khalid of JNU fame. There was an attack on him right in front of INS Building, Rafi Marg. I reached there just seconds after the attacker had fled the scene. The pistol was still lying on the road. There was an ASI of Delhi Police trying to call his superiors. An inspector came and picked up the weapon. Omar Khalid had been taken to the Constitution Club where some program was organized. The DCP came and started talking to Omar Khalid. I came back to my office. While coming back I saw some people abusing private guards deputed at the Constitution Club gate. I was told they were organizers of the program.
I told the fellow who was abusing the guards not to be harsh on poor underpaid security guards but he asked me to go my way. He was very abusive, I must say.
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Umar Khalid पर हमले के लिए जितना संघी गुंडे ज़िम्मेदार हैं, उतना ही इस मुल्क का मीडिया.
खुलेआम झूठ परोसने वाले चैनलों ने देश की बड़ी आबादी के ज़ेहन में ये डाल दिया है कि उमर ‘देशद्रोही’ है.
एक दिन प्रेस क्लब के वाशरूम में एक बुज़ुर्ग पत्रकार को जब चढ़ गई और कुछ नहीं सूझा तो दस मिनट के लिए वो उमर को ही गरियाने लगा. मैंने डपटकर पटक देने की बात कही तो चुप-चाप मूतकर बाहर आ गया.
लुटियंस ज़ोन में दिन दहाड़े कोई गुंडा उमर पर गोली चला देता है और पुलिस वाले घटना के फौरन बाद लीपापोती में जुट गए. अभी से ये स्टेटमेंट आने लगा कि गोली नहीं चली, कोशिश हुई.
संघी गुंडों के भीतर ये आत्मविश्वास भरा गया है कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, वो हत्या के लिए आज़ाद है. गोरक्षा वाले गुंडे इसी आत्मविश्वास में हत्या के बाद ख़ुद वीडियो वायरल कर देते हैं.
More power to Umar.
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कन्हैया पर कोर्ट में हमला, और आज उम्र ख़ालिद पर हमला, सिर्फ़ इन दोनों पर हमला नहीं है, अगर सिर्फ़ इन पर हमला करना होता तो कहीं भी किया जा सकता था। यह हमला सामविधान पर है, बोलने की आज़ादी पर है। यह वॉर्निंग है के अब कॉन्स्टिटूशन क्लब भी सुरक्षित नहीं। ये वही राजनीति है जिस ने पाकिस्तान में तालिबान पैदा किए और अब हिंदुस्तान में हिंदू अटकवादियों पैदा करके उन्हें सुरक्षा दे रही है। फ़सिवादियों की छत्रछाया में पले बढ़े, महाराष्ट्र में पैदा होने वाले आतंकवादियों ने चार लोगों का क़त्ल किया। अब वो कॉन्स्टिटूशन क्लब तक पहुँच गए हैं। ये है वो सेना है जिसे तीन दिन में तैय्यार करने का वाद किया गया था।