शुक्रवार रात होते-होते, आखिरकार केंद्र सरकार ने वो फैसला ले ही लिया, जिसका इंतज़ार जनता बेसब्री से कर रही थी और विशेषज्ञ जानते थे कि देर-सबेर ये किया ही जाना है। शनिवार से गृह मंत्रालय के नए आदेश के मुताबिक, स्थानीय व्यापारिक केंद्रों और आपके पड़ोस की नॉन एसेंशिएल सर्विस की दुकानें भी खोले जाने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि ये इजाज़त फिलहाल सशर्त है, लेकिन इससे लॉकडाउन के बीच, एक महीने बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
गृह मंत्रालय ने ये आदेश, अपने प्रवक्ता के एकाउंट से ट्वीट भी किया, जिसके मुताबिक शनिवार से साधारण बाज़ार और एकल व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जो कि नॉन एसेंशियल सर्विसेज़ में व्यापार करते हैं – उनको दुकानें खोलने की इजाज़त होगी। ये सिर्फ वे ही दुकानें हो सकती हैं, जो म्युनस्पिल अथॉरिटीज़ में रजिस्टर्ड होंगी और उनके अधिकार क्षेत्र में आती हैं। लेकिन इसकी इजाज़त केवल 50 फीसदी कर्मचारियों की संख्या और नियत सावधानियों के साथ ही होगी। लेकिन केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में ये भी साफ किया गया है कि बड़े बाज़ारों, मल्टी ब्रांड और सिंगल ब्रांड मॉल्स के क्रियाशील होने पर लगी रोक फिलहाल कम से कम 3 मई तक जारी रहेगी।
#COVID19 update
All registered shops regd under Shops & Establishment Act of respective States/ UTs, including shops in residential complexes, neighborhood & standalone shops exempted from #lockdown restrictions.Prohibited: Shops in single & multi brand malls pic.twitter.com/NNz9abgWdA
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 24, 2020
कौन-कौन सी दुकानें खुल सकती हैं, इजाज़त के बाद
1. अलग-अलग राज्यों के शॉप्स एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड दुकानों को खोले जाने की इजाज़त होगी।
2. रेज़ीडेंशियल कॉम्प्लेक्स, मार्केट कॉम्प्लेक्स, म्युन्सिपल कारपोरेशन के बाहर और म्युनिस्पिलिटी के अंतर्गत आने वाली दुकानें खोली जा सकती हैं।
3. स्थानीय-आसपास की दुकानें, एकल दुकानें और नगरपालिकाओं-नगर निगम की सीमाओं के अंदर आने वाली दुकानें खोली जा सकती हैं।
4. ये सभी दुकानें-व्यापार केवल 50 फीसदी कर्मचारी संख्या और सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क इत्यादि के उचित सावधानी-बचाव प्रावधानों का पालन करते हुए ही खोली जा सकती हैं।
5. शनिवार से स्थानीय हज़ामत की दुकानें, सलून और पार्लर्स भी खोले जा सकते हैं।
6. ग्रामीण एवम् अर्ध-ग्रामीण इलाकों में सभी बाज़ार खोले जा सकते हैं।
7. शहरी इलाकों में दुकानें या एकल स्टोर्स खोलने की इजाज़त तभी होगी, यदि वे किसी रिहायशी इलाके में स्थित हैं।
इसके अलावा आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शॉपिंग मॉल्स के अलावा, किसी भी शहर के बड़े और मशहूर बाज़ार बंद रहेंगे। लिकर (शराब) की दुकानें भी फिलहाल बंद रहेंगी, क्योंकि उनका पंजीकरण अलग एक्ट और विभाग के अंतर्गत आता है। साथ ही जिम, स्वीमिंग पूल्स, खेल के मैदान, सिनेमा और सभागृह अभी नहीं खोले जा सकेंगे।
इसके साथ ही मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि ये सारे प्रतिष्ठान भी उन इलाकों में नहीं खोले जा सकेंगे, जो कोरोना हॉटस्पॉट या संक्रमण संवेदी ज़ोन हैं।
हालांकि गृह मंत्रालय के इस फैसले को जनता के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन एक तथ्य ये भी है कि देश की जीडीपी का 10 फीसदी इसी व्यापारिक सेक्टर (मुख्यतः रीटेल) से आता है। इसके अलावा इस अनौपचारिक सेक्टर में, कम से कम 4 करोड़ लोग रोज़गार हासिल करते हैं। इसलिए देश की अर्थव्यवस्था को जितना हो सके बचाने के लिए ये फैसला ज़रूरी था।