मोहन भागवत को हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं मालूम
बीजेपी के नेता गोमांस के सबसे बड़े एक्सपोर्टर हैं
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आरएसएस अपने संकीर्ण नज़रिये के हिसाब से हिंदू धर्म को परिभाषित करने में लगा हुआ है और जिस तरीके से शांति के इस धर्म को प्रदूषित किया जा रहा है, भारत के साधु-संत उससे बहुत ख़फ़ा हैं।
मध्य प्रदेश के सागर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए द्वारकापीठ के शंकराचार्य ने आरएसएस और बीजेपी को हिंदू विरोधी करार दिया। इससे ठीक पहले उन्होंने इंडिया टुडे चैनल से भी यही बात कहते हुए देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव में आरएसएस और बीजेपी की भूमिका पर लंबी बात की थी। उनका कहना था कि हाल के वर्षों में जितना नुकसान हिंदू धर्म को बीजेपी और आरएसएस ने किया है उतना किसी ने नहीं किया।
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि मोहन भागवत को हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं मालूम। शंकराचार्य बोले, ”भागवत कहते हैं कि हिंदू विवाह एक अनुबंध है जबकि हिंदू विवाह आजीवन का संकल्प होता है। भागवत कहते हैं कि भारत में पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति हिंदू है, फिर इंग्लैंड या अमेरिका में हिंदू माता-पिता से जन्मा व्यक्ति क्या होगा?”
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी के नेता गोमांस के सबसे बड़े एक्सपोर्टर हैं और गोकशी का विरोध करने वाली बीजेपी का चरित्र दोमुंहा है। उन्होंने बीजेपी को केवल मूर्तियां गढ़ने वाली पार्टी करार दिया न कि ऐसी पार्टी जो अयोध्या में मंदिर बनवा सके।
बीजेपी के बारे में उन्होंने कहा, ”सीएम योगी आदित्यनाथ भगवान राम की 150 फुट ऊंची मूर्ति बनवा रहे हैं और उसे एक फटे हुए तिरपाल में कैद कर दिए हैं। पीएम मोदी ने नर्मदा बांध के आगे सरदार पटेल की मूर्ति बनाने को कहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनवा रहे हैं। इनमें से किसी ने भी राम मंदिर बनवाने के लिए कोई पहल नहीं की।”
शनिवार की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शंकराचार्य ने बीजेपी पर जबरदस्त हमला किया और कहा कि अलग-अलग राज्यों में यह पार्टी हिंदुओं की भावनाओं का दोहन कर के सत्ता में आई है लेकिन उसने हिंदुओं से किया अपना कोई वादा नहीं निभाया है।
साभार: hinduexistence.org और इंडिया टुडे