दिल्ली का शाहीन बाग खाली, इलाहाबाद में रौशन बाग के एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी

देश भर में नागरिकता संशाेधन विरोधी कानून के विरोध की प्राणवायु दिल्ली के शाहीनबाग को मंगलवार तड़के दिल्ली पुलिस ने उजाड़ दिया. कोरोना वायरस की महामारी के चलते दिल्ली को लॉकडाउन किया गया है, जिसके बाद पुलिस ने यह कदम उठाया. इस बीच दिल्ली में खालिद सैफ़ी की ज़मानत रद्द कर दी गयी तो इलाहाबाद के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. आशीष मित्तल को सोमवार शाम पांच बजे उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. इलाहाबाद से ही उमर खालिद को भी गिरफ्तार किया गया है.

दिल्ली में पुलिस ने शाहीन बाग को खाली कराने की एकतरफ़ा कार्यवाही की, लेकिन इलाहाबाद पुलिस चाहती थी कि डॉ. मित्तल इलाहाबाद के रौशन बाग में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने को खत्म कराएं. गिरफ्तारी से एक दिन पहले डॉ. मित्तल ने पुलिस को लिखित रूप में बताया था कि रौशन बाग में चल रहे धरने को उन्होंने शुरू नहीं किया है, न ही किसी को धरना प्रदर्शन के लिये उकसाया है. इस कारण धरने को खत्म कराना उनके अधिकार में नहीं है. इसके बाद उन्हें घर से उठाया गया.

इधर दिल्ली में सुबह पुलिस ने जब सुबह शाहीन बाग को खाली कराया, तो स्थानीय लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए। दूसरी ओर दक्षिणी दिल्ली के दूसरे समुदायों ने दिल्ली पुलिस को फूल देकर इस कार्यवाही का स्वागत किया।

शाहीन बाग खाली कराने के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया की दीवारों और स्थानीय इमारतों पर लगे पोस्टर, पेंटिंग और ग्राफीटी को भी साफ़ करने का काम किया है। जामिया के छात्रों ने पहले ही कोरोना महामारी के चलते अपना प्रदर्शन रद्द कर दिया था।

 

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