नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के खिलाफ असम सहित पूर्वोत्तर और देशभर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं नागरिकता बिल को लेकर अवॉर्ड वापसी का सिलसिला भी शुरू हो गया है. 2011 में राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित शिरीन दलवी ने नागरिकता बिल के विरोध में अपना अवॉर्ड वापस कर दिया है.
राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस करने का ऐलान करते हुए शिरीन दलवी ने अपने पोस्ट पर कहा, ‘मुझे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के नागरिकता संशोधन बिल के पास कराए जाने की खबर से दुख हुआ है. नागरिकता संशोधन बिल के जरिए हमारे संविधान और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया गया है और इस अमानवीय कानून के विरोध में मैं अपना राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर रही हूं.’ उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) विभाजनकारी है.
Senior Urdu journalist and writer Shirin Dalvi has decided to return State Sahitya Akadami Award in the protest against #CAB2019 . Following is the message from her.#CAB_नहीं_चलेगा #CitizenshipAmmendmentBill2019 pic.twitter.com/4R7zaIkcZL
— Mahtab महताब مہتاب (@MahtabNama) December 12, 2019
शिरीन दलवी अवधनामा की संपादक रही हैं.
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में हिंसक प्रदर्शन जारी है. गुवाहाटी में पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर फायरिंग की है. इस फायरिंग में कई लोगों के घायल होने की खबर है.
Police open fire to disperse protestors at Lalungaonn area in #Guwahati, some persons reportedly injured: Official
— Press Trust of India (@PTI_News) December 12, 2019
अभिनेता और असम के बीजेपी नेता जतिन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
Actor and Assam BJP leader Jatin Bora resigns from the party.
— ANI (@ANI) December 12, 2019
इस बीच दक्षिण में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि केरल इस विधेयक को नहीं स्वीकार करेगा. यह असंवैधानिक है. केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है. यह समानता और धर्मनिरपेक्षता तोड़ने की एक चाल है.
Kerala CM Pinarayi Vijayan: Kerala will not accept #CitizenshipAmendmentBill (CAB). CAB is unconstitutional. The central government is trying to divide India on religious lines. This is a move to sabotage equality and secularism. (file pic) pic.twitter.com/QjlrMOBZO0
— ANI (@ANI) December 12, 2019
नागरिकता बिल पर मुंबई के स्पेशल आईजीपी अब्दुर रहमान ने कहा कि यह बिल संविधान की भावना के खिलाफ है. सविनय अवज्ञा आंदोलन के रूप में, मैंने कार्यालय में उपस्थित नहीं होने का निर्णय लिया है. या तो वीआरएस के लिए मेरा आवेदन स्वीकार किया जाना चाहिए या मेरे पत्र को इस्तीफे के मेरे पत्र के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.
Abdur Rahman, Special IGP in Mumbai: #CitizenshipAmendmentBill is against the spirit of Constitution. As Civil Disobedience Movement, I have decided to not attend office. Either my application for VRS should be accepted or my letter should be accepted as my letter of resignation. pic.twitter.com/AvPVVedRrk
— ANI (@ANI) December 12, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर में अशांति है. लेकिन सबसे खराब स्थिति पूर्वोत्तर के राज्यों में है. दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पारित के बाद यह हो रहा है. पूर्वोत्तर के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, बिल के खिलाफ हैं.”
Congress leader Ghulam Nabi Azad: Unrest is across the country from Kashmir to Kanyakumari. But worst situation is in northeastern states, as a result of the passage of #CitizenshipAmendmentBill2019 in both Houses. People of northeast, irrespective of religion, are against bill pic.twitter.com/CCuFqYl394
— ANI (@ANI) December 12, 2019