बिहार में एक वकील मुराद अली ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ पश्चिमी चंपारण की बेतिया अदालत में देशद्रोह का मामला दर्ज करवाया है. मामला इसलिए दर्ज करवाया क्योंकि ये लोग अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का विरोध कर रहे हैं. अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया है, अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.
Bihar: Sedition case filed against Omar Abdullah, Mehbooba Mufti & several others by an advocate, for opposing the abrogation of Article 370, at a court in Bettiah, West Champaran. Advocate says, "Court has taken cognizance of the case, next hearing is on 24th September" (6.8.19) pic.twitter.com/7awfLIBEXs
— ANI (@ANI) August 6, 2019
गौरतलब है कि, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया था. उससे पहले रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था.
बता दें कि, महबूबा मुफ्ती ने संसद में 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि “यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है. जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया. भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है.
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान जारी करके कहा था कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है. जम्मू-कश्मीर ने 1947 में जिस भरोसे के साथ भारत से जुड़ा था, आज वह टूट गया है. भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे.
उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 पर उठाए गए सरकार के कदम एकतरफा फैसला बताया. उन्होंने के साथ यह पूरी तरह धोखा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा, कि ‘सरकार ने इन विनाशकारी फैसलों के छल और छद्म तरीके से हाल के सप्ताहों में जमीन तैयार की. सरकार ने एकतरफा फैसला किया, भरोसे पर पूरी तरह धोखा. लंबी और मुश्किल लड़ाई आगे है, हम इसके लिए तैयार हैं.’