पूंजी बाजार नियामक सरकारी संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने समाचार चैनल एनडीटीवी के ऊपर 10 लाख रुपए का दंड लगाया है और कंपनी से जुड़े चार अधिकारियों के ऊपर प्रत्येक 3 लाख का जुर्माना लगाया है।
यह आदेश 450 करोड़ की आयकर मांग के उद्घाटन में कथित देरी वाले मामले में जांच के बाद आया है जिसे एनडीटीवी ने चुनौती दी थी। इस जांच के दौरान चार साल पहले कंपनी एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कुछ शेयरों की बिक्री का मामला भी शामिल था।
दो दिन पहले 16 मार्च को 23 पन्ने के एक विस्तृत आदेश में सेबी में एनडीटीवी के ऊपर 10 लाख और चार अधिकारियों प्रणय रॉय, राधिका रॉय, तत्कालीन सीईओ विक्रम चंद्रा और अनुपालन अधिकारी अनूप सिंह जुनेजा के ऊपर प्रत्येक 3 लाख का जुर्माना लगाया हे।
सेबी के मुताबिक उसने कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष केवीएल नारायण राव के नाम भी एक नोटिस जारी किया है लेकिन पिछले साल हुई उनकी मौत के चलते इस कार्रवाई को रेाक दिया गया है।
सेबी ने अपने आदेश में उपर्युक्त चार अधिकारियों के संदर्भ में कहा है, ”ये व्यक्ति कंपनी का प्रबंधन देखते हैं और रोजमर्रा के परिचालन के जिम्मेदार हैं। यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि कर मांग को उजागर न करना एनडीटीवी प्रबंधन का एक सचेत फैसला था।”
अपने जवाब में कंपनी के अधिकारियों ने ऐसी किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने समयबद्ध तरीके से सारे उद्घाटन किए थे। इनके मुताबिक जो कर मांग कंपनी के ऊपर थी, ”उसकी कोई कानूनी योग्यता नहीं है”।