भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक कड़ा आदेश पारित करते हुए सिक्योरिटी मार्केट में एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को दो साल के लिए प्रतिभूति बाज़ार से बाहर कर दिया है।
इसके अलावा सेबी ने इस दंपत्ति पर एनडीटीवी के प्रबंधन में कोई पद लेने पर भी दो साल की रोक लगा दी है। यह आदेश इनसाइडर ट्रेडिंग संबंधी कथित उल्लंघन के चलते दिया गया है।
#Breaking: NDTV Promoters Prannoy Roy & Radhika Roy restrained from accessing the securities market and directly or indirectly, or being associated with the securities market in any manner, whatsoever, for a period of Two (2) years. @NDTV @PrannoyRoyNDTV @SEBI_India pic.twitter.com/7I6WfdRazp
— Bar and Bench (@barandbench) June 14, 2019
हालिया शेयरधारिता के मुताबिक प्रणय रॉय की एनडीटीवी में 15.94 फीसद हिस्सेदारी है जबकि राधिका रॉय की 16.33 फीसद हिस्सेदारी है। एनडीटीवी में प्रवर्तकों की कुल शेयरधारिता जून 2009 को समाप्त हुई तिमाही में 63.17 फीसद थी जो अब तक अपरिवर्तित है।
सेबी ने यह हालिया आदेश एनडीटीवी की शेयरधारक कंपनी क्वान्टम सिक्योरिटीज़ की एक शिकायत पर पारित कियया है जिसने आरोप लगाया है कि कंपनी के प्रवर्तक आरआरपीआर होल्डिंग्स ने विश्वप्रधान कॉमर्शियल (वीसीपीएल) के साथ हुए कर्ज समझौते की सूचना शेयरधारकों को न देकर सेबी के नियमों का उल्लंघन किया है।
सेबी ने इस समझौते संबंधी दर्ज शिकायत की जांच की थी, जिसके अनुसार दस साल के कर्ज की समयावधि जुलाई 2019 में पूरी होनी है। इसके तहत कई प्रावधान हैं जो इस मीडिया कंपनी का 52 फीसदी नियंत्रण वीसीपीएल को देते हैं।
इस आदेश के जवाब में एनडीटीवी के प्रवर्तकों की आधिकारिक प्रतिक्रिया आ गई है। एनडीटीवी की वेबसाइट पर राधिका रॉय और प्रणय रॉय ने जारी अपने बयान में कहा है कि सेबी का आदेश कानूनन गलत है और सभी प्रक्रियाओं के खिलाफ़ जाता है।
इनका कहना है कि आदेश में उन मसलों पर गलत निर्णय शामिल हैं जिनका जिक्र कारण बताओ नोटिस में नहीं था। अगले कुछ दिनों में सेबी के आदेश को वे अदालत में चुनौती देंगे।