सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए कोटा या आरक्षण की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब हंगामा शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इस फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद में इसके खिलाफ विरोध करने का ऐलान किया है. केंद्र की मोदी सरकार में सहयोगी दलों ने कहा फैसला न्यायसंगत नहीं.
Mallikarjun Kharge, Congress in Bengaluru: SC ruled that reservation in jobs & promotion is not a fundamental right. It has worried marginalized communities. We'll protest against it in&outside Parliament. BJP & RSS have been trying to get reservations scrapped for a long time. pic.twitter.com/ODnonSMO7D
— ANI (@ANI) February 9, 2020
राहुल गांधी कहा है कि आरएसएस विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है. वे आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम आरएसएस के इस सपने को पूरा नहीं होने देंगे.
"I want to tell SC/ST/OBC/Dalits that no matter how much BJP and RSS try to remove reservation, we are not going to allow this to happen. RSS/BJP can't stand by the idea, but this a constitutional right."
– @RahulGandhi Ji on SC/ST Amendment Act pic.twitter.com/IhnQKB1g0E
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) February 10, 2020
इस मुद्दे पर हंगामे के बाद आज संसद की कार्रवाई को दो बजे तक स्थगित किया गया है. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सामाजिक कल्याण मंत्री इस फैसले पर अपना वक्तव्य देंगे. उन्होंने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
Lok Sabha adjourned till 2pm. https://t.co/43Nb4jfsJ6
— ANI (@ANI) February 10, 2020
अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और अपना दल इस फैसले से सहमत नहीं है.
Apna Dal's Anupriya Patel in Lok Sabha: Apna Dal does not agree with the Supreme Court judgement. So far, it is the most unfortunate decision given by the Supreme Court. https://t.co/rj8NXolbGD pic.twitter.com/s6oy9rULKl
— ANI (@ANI) February 10, 2020
वहीं केंद्र में मोदी सरकार में सहयोगी एलजेपी के चिराग पासवान ने भी इस फैसले पर सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आरक्षण पर फैसला सुप्रीम कोर्ट का है , सरकार का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है. सामाजिक कल्याण मंत्री इस पर अपना बयान देंगे.
Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi on SC judgement that reservations for jobs, promotions, is not a fundamental right: This is SC's decision. Govt of India has nothing to do with it. The Social Welfare Minister will make a statement at 2:15pm today pic.twitter.com/RysQfUVpfP
— ANI (@ANI) February 10, 2020
बता दें कि शुक्रवार, 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए कोटा या आरक्षण की मांग करना मौलिक अधिकार नहीं है. शुक्रवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि सरकारी सेवा में कुछ समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न दिए जाने का आंकड़ा सामने लाए बिना राज्य सरकारों को ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि उन्हें प्रमोशन में आरक्षण देना है या नहीं? कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 16 (4) और 16 (4-ए) आरक्षण लागू करने की शक्ति जरूर देता है, लेकिन यह तभी हो सकता है जब राज्य सरकार यह मानती हो कि सरकारी सेवाओं में कुछ समुदायों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तराखंड हाईकोर्ट के 2012 में दिया गया फैसला निष्प्रभावी हो गया, जिसमें विशेष समुदायों को कोटा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया गया था.