संशोधित नागरिकता कानून पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद चीफ़ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले के सुनवाई के लिए एक संवैधानिक पीठ बनाने पर भी फैसला किया जाएगा और पांच सप्ताह बाद इस पर सुनवाई होगी. इस बीच केंद्र सरकार को मामले में अपना पक्ष दाखिल करना होगा.
The Supreme Court has said it may refer pleas challenging the validity of the Citizenship Amendment Act (CAA) to a larger Constitution bench.https://t.co/ZWWq94Jycl
— The Telegraph (@ttindia) January 22, 2020
वहीं असम से जुड़ी याचिकाओं पर केंद्र सरकार को दो हफ्ते में जवाब देना होगा.
आज की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल इस कानून पर किसी तरह का रोक या अंतरिम रोक लगाने का कोई आदेश नहीं दिया है.
CAA Challenge : SC Grants Four Weeks Time To Centre For Reply https://t.co/m0YeZ3kcPI
— Live Law (@LiveLawIndia) January 22, 2020
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा है कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है. ऐसे में सभी याचिकाओं को सुनना जरूरी है. किन्तु अदालत ने फ़िलहाल सीएए पर किसी तरह का रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
Court hinted at setting up a five-Judge Bench to hear the case. The matter will be listed after five weeks for interim orders#SupremeCourt #supremecourtofindia #CAA #CAA2019 #CAA_NRC_NPR
— Bar and Bench (@barandbench) January 22, 2020
कोर्ट ने कहा है कि सरकार का जवाब आने के बाद ही हम कोई अंतरिम आदेश देंगे. सरकार का पक्ष बिना सुने अभी हम कोई आदेश नहीं देंगे.चीफ जस्टिस ने कहा है कि पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी कि इसपर स्टे लगाना हो या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन एक्ट पर दायर याचिकाओं को अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया है. इसके तहत असम, नॉर्थईस्ट के मसले पर अलग सुनवाई की जाएगी. वहीं, उत्तर प्रदेश में जो CAA की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है उसको लेकर भी अलग से सुनवाई की जाएगी. अदालत ने सभी याचिकाओं की लिस्ट जोन के हिसाब से मांगी है, जो भी बाकी याचिकाएं हैं उनपर केंद्र को नोटिस जारी किया जाएगा.