सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर की धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को फैसला सुनाते हुए रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 के तहत आम्रपाली समूह का पंजीकरण रद्द कर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे कर ग्राहकों को सौंपने के निर्देश दिए हैं .
Amrapali case: Supreme Court directed the National Buildings Construction Corporation (NBCC) to complete the unfinished housing projects in Noida and Greater Noia and handover these to home-buyers. pic.twitter.com/JUvhHUhSLD
— ANI (@ANI) July 23, 2019
जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने पाया कि आम्रपाली समूह ने ग्रेटर नोएडा और नोएडा के अधिकारियों की मिलीभगत से होमबॉयर्स के पैसे हड़पे थे. कोर्ट ने कहा है कि आम्रपाली ग्रुप ने फॉरेन एक्सजेंच मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) और एफडीआई के नियमों का उल्लंघन किया है.
Supreme Court also said that the Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA) registration of Amrapali is cancelled. Enforcement Directorate will register the money laundering cases against Amrapali, its Chief Managing Director, and other directors. https://t.co/Y0aQmfYXs7
— ANI (@ANI) July 23, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाले बिल्डरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली के निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू करने और समय-समय पर जांच की प्रगति रिपोर्ट अदालत को देने का भी निर्देश दिया है.
Amrapali: Supreme Court directs NBCC to take over the stalled projects of Amrapali group.
Court has also directed the ED to investigate the aspect of money laundering by the group as well as for cancellation of Amrapali's registration.
— Bar and Bench (@barandbench) July 23, 2019
बता दें कि बीते मार्च महीने में अदालत ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा और दो निदेशकों, शिव प्रिया और अजय कुमार को गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी. अनिल शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार पिछले अक्टूबर से उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नोएडा के एक होटल में उन्हें रखे गए हैं. उन पर कंपनी और उसके निदेशकों द्वारा वित्तीय लेनदेन की जांच करने वाले फोरेंसिक ऑडिटर्स के साथ सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया है. इसलिए अदालत ने उन्हें कंपनी के खिलाफ जांच पूरी होने तक एक होटल में पुलिस निगरानी में रखने का निर्देश दिया था.
SC Cancels RERA Registration Of Amrapali; Asks NBCC To Take Over Noida Projects https://t.co/5pSMevwFE5
— Live Law (@LiveLawIndia) July 23, 2019
एनबीसीसी 8 प्रतिशत कमीशन दर रुकी हुई आम्रपाली परियोजनाओं को पूरा करेगी और ग्राहकों को बकाया राशि खाते में जमा करनी होगी.
कोर्ट ने आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट की लीज भी रद्द कर दी है.नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज ने लीज जारी की थीं. अदालत ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को बकाया वसूली के लिए आम्रपाली ग्रुप की संपत्तियां बेचने का अधिकार नहीं है. दोनों अथॉरिटीज को यह निर्देश भी दिया कि आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट्स में पहले से रह रहे ग्राहकों को कंप्लीशन सर्फिफिकेट दिए जाएं.
जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने इससे पहले 10 मई को हुई सुनवाई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज ने कहा था कि आम्रपाली के प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए उनके पास संसाधन और निर्माण कार्य की विशेषज्ञता नहीं है. दोनों ने उच्च स्तरीय समिति की निगरानी में किसी प्रतिष्ठित बिल्डर को आम्रपाली के प्रोजेक्ट सौंपने का पक्ष लिया था.
शीर्ष अदालत के इस फैसले से आम्रपाल के तमाम प्रोजेक्ट्स में 42000 से ज्यादा घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिली है.