प्रशांत के समर्थन में स्वराज अभियान ने बनाया ‘सत्यकोष’, माँगा सबसे 1 रुपये दान!

 

स्वराज अभियान ने अपने संस्थापक अध्यक्ष रहे प्रशांत भूषण को मिली एक रुपये की सुप्रीम सज़ा को जनांदोलन में बदलने का फ़ैसला किया है। अब पूरे देश में Rupee One Everyone (एक रुपये प्रति व्यक्ति) अभियान चलेगा, जिसके तहत लोगों को ‘ट्रुथ फंड’ में एक रुपये दान करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। अभियान की ओर से यह ‘ट्रुथ फंड’ या ‘सत्यकोष’ बनाया गया है जिसमें आया पैसा समाजिक कार्यों में लगे आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं की मदद के काम आयेगा।

‘ट्रुथ फंड’ के बारे में योगेंद्र यादव ने आज एक फेसबुक लाइव के ज़रिये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशांत भूषण को एक रुपये की सज़ा हुई जिसे उन्होंने ख़ुशी-ख़ुशी मंज़ूर कर लिया। उन्होंने पहले ही कहा था कि आत्मा की बात कहने के लिए वे माफ़ी नहीं मांगेंगे, अदलात की सज़ा स्वीकार करेंगे। प्रशांत भूषण के इस रुख से पूरा देश आंदोलित है। अब सभी एक रुपये देना चाहते हैं, लेकिन तकनीकी दृष्टि से ऐसा करना संभव नहीं है। इसी के लिए ‘ट्रुथ फंड’ बनाया गया है जिसमें लोग एक रुपये जमा कर सकते हैं। एक रुपये का मतलब मुश्किल वक़्त में सच के साथ खड़ा होना है। लोग इस फंड में ज़्यादा दान भी कर सकते हैं। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वे दोस्तों या जानने वालों को इस मुहिम से जोड़ें। हर व्यक्ति 11 लोगों के नाम और मोबाइल नंबर के साथ 11 रुपये फंड में जमा करें। यानी केवल पैसा इकट्ठा न करें, सहयोग देने वालों का पूरा रिकार्ड भी रखें।

योगेंद्र यादव ने कहा कि इस देश में एक नहीं हजारों प्रशांत भूषण हैं। लोग स्थानीय स्तर पर लड़ाई लड़ते हैं, जिन पर माफिया हमले करते हैं। सरकार जेल में डालती है। ऐसे लोगों की आवाज़ को बढ़ाने और उन्हें क़ानूनी मदद मुहैया कराने के लिए इस फंड का इस्तेमाल होगा।

योगेंद्र यादव ने बताया कि इस ‘ट्रुथ फंड’ को संचालित करने के लिए जो कमेटी बनेगी उसमें ऐसे लोग होंगे जिनकी साख पर कोई सवाल नहीं होगा। जब 15 सितंबर को प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में एक रुपया जमा करेंगे तो पूरे देश की ताक़त उनके साथ जुड़ी नज़र आयेगी।

योगेंद्र यादव ने अपने फ़ेसबुक लाइव में इस फंड के बारे में जो बताया जिसे आप नीचे सुन सकते हैं। इसके साथ उन्होंने पोस्ट में लिखा-

Truth Fund क्या है?
बहुत लोग पूछते हैं: मैं भी प्रशांत भूषण के साथ जुड़कर ₹1 सच का जुर्माना देना चाहता हूं। कहां भेजूं? कैसे भेजूं? उससे क्या होगा?
इन सब सवालों के जवाब।

 



 

First Published on:
Exit mobile version