राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने पुलवामा हमले से संबंधित कुछ सवालों के साथ भारत के गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. पत्र में पुलवामा हमले को लेकर 10 सवालों की एक सूची शामिल है.
#पुलवामा हमले के संबंध में जनता के कुछ सवालों को लेकर माननीय गृहमंत्री, भारत सरकार, श्री @AmitShah जी के नाम पत्र । @AmitShahOffice @HMOIndia pic.twitter.com/GUThOAUpNa
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) June 22, 2019
पत्र के आरंभ में कुशवाहा ने अमित शाह को लिखा है- “महोदय, ज्ञात हो कि जिस दिन आप संसद के पहले सत्र में संसद पद की शपथ ले रहे थे उसी शाम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना की एक गाड़ी पर हमला हुआ, जिसमें सेना के 20 जवान जख्मी हो और अगले दिन उनमें से दो की मौत हो गई. यह हमला उसी जगह पर हुआ, जहां बीते 14 फरवरी को सेना के वाहन पर फिदायीन हमला हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान मारे गये थे. इसके बाद पुलवामा में ही 18 जून को एक पुलिस थाने के करीब हुए ग्रेनेड हमले में सात नागरिकों को गंभीर चोटें आई”
इस पत्र में आगे रालोसपा अध्यक्ष ने अमित शाह को याद दिलाते हुए लिखा है कि “फरवरी में हुए फिदायीन हमले में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार ने दावा किया था कि अभी और हमले होने बाकी है. उसने उस वीडियो में हमला करने के कारण भी गिनवाये थे. उस वक्त राज्यपाल ने हमले के पीछे सुरक्षा में चूक को स्वीकार किया था. अब 4 महीने बाद पुलवामा में ठीक उसी तरह का हमला होना कुछ स्वाभाविक सवाल खड़े करते हैं क्योंकि सेना ने ताजा हमले को ‘नाकाम प्रयास करार दिया है जबकि इसमें दो सैनिकों की जान गई है”.
पत्र के अंत में कुशवाहा ने लिखा है- “सवाल और भी हैं. संकटग्रस्त जम्मू-कश्मीर सवालों से घिरा हुआ है. एक के बाद एक आतंकी हमले झेल रही जनता और फौज इन सवालों से दोचार है. जवाब सबको चाहिए. परिसीमन या राज्यपाल शासन किसी सवाल का जवाब नहीं हो सकता. क्या माननीय देश की जनता को उपर्युक्त प्रश्नों का उपयुक्त उत्तर देंगे”? इसके आगे उन्होंने लिखा है- “देश की जनता को अब तक यह बात समझ में नहीं आ सकी है कि अगर गंभीर सुरक्षा हालात के बावजूद जम्मू-कश्मीर में लोकसभा करवाए जा सकते थे तो विधानसभा चुनाव क्यों नहीं करवाए गये”?