2000 के नोट अब रिजर्व बैंक ने छापना बंद कर दिए है. रिजर्व बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई है. इस वित्त वर्ष में 2,000 रुपये का एक भी नोट नहीं छपा है. जबकि 2016-17 के वित्त वर्ष के दौरान 2,000 रुपये के 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए थे. अगले साल 2017 -18 में यह 111.507 मिलियन नोट तक कम हो गया. 2018-19 में बैंक ने 46.690 मिलियन नोट छापे और वित्त वर्ष 2019-20 में एक भी नोट नहीं छापा है.
Not a single 2000-rupee note has been printed in the financial year 2018-19https://t.co/msMXbsk3Wi
— Outlook India (@Outlookindia) October 16, 2019
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जब नोटबंदी की गयी थी, तब यह कहा गया था कि पुराने नोटों की आसानी से नकल कर ली जाती है, इसलिए बड़ी संख्या में नकली मुद्रा बाजार में चल रही है. नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 500 और 2,000 रुपए के नये करेंसी नोट जारी किए थे. इन नोटों को सुरक्षा के लिहाज से अधिक सुरक्षित बताया गया था.
लेकिन अब रिजर्व बैंक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में पता चला है कि 2016 में जारी किये गए 500 रुपए के नये नोट में जाली नोटों की संख्या 2018-19 में पिछले साल के मुकाबले 121 प्रतिशत बढ़ गई और 2,000 के नए नोट में नकली नोटों की संख्या में 22 प्रतिशत वृद्धि हुई. एनआईए के मुताबिक भारत में बिल्कुल असली नोट की तरह जाली नोट फिर से आ गए हैं, जाली नोटों का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है.
पाकिस्तान बिल्कुल असली दिखने वाले नोट भारत के बाजारों में फैला रहा है. दिवाली से पहले भारतीय बाजारों में नकली नोटों की तादात कई गुना बढ़ गई है.
कोई तो पूछ ले कि काला धन भी बदस्तूर जमा हो रहा है! नकली नोट भी छप रहे है! तो आखिर नोटबंदी की क्यों थी ?