संत रविदास का मंदिर तुगलकाबाद में उसी जगह बनेगा जहां पर पहले था. मंदिर पहले 200 वर्ग मीटर क्षेत्र में था. केंद्र ने इसे बढ़ाकर 400 वर्ग मीटर करने का संशोधित प्रस्ताव दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सोमवार को अपनी मुहर लगा दी. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने तुग़लक़ाबाद इलाक़े में स्थित इस मंदिर को शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 21 अगस्त को तोड़ किया था.
Guru Ravidas Temple : SC Allows Reconstruction At 400 Sqm Plot Offered By Centre In Same Site https://t.co/zUMK2EPacp
— Live Law (@LiveLawIndia) October 21, 2019
इसे लेकर बाद में जमकर बवाल भी हुआ था. जिसके बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद सहित कई लोगों को जेल हुई थी. बाद में प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि उन्होंने भक्तों और सरकारी अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ परामर्श किया और केंद्र सरकार ने साइट के लिए भक्तों की संवेदनशीलता और विश्वास को देखते हुए भूमि देने के लिए सहमति व्यक्त की.
Delhi's Ravidas temple matter: Central government also said that it will now increase the area to be allocated for Ravidas temple. https://t.co/K8C8SncLrO
— ANI (@ANI) October 21, 2019
सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर रविदास मंदिर के गिराए जाने के बाद हुए विरोध प्रदर्शन में किसी को गिरफ़्तार किया गया है तो उसे तत्काल निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाए.अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मंदिर के निर्माण के लिए एक समिति का गठन किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर के लिए पक्का निर्माण किया जा सकता है. इसे लेकर केंद्र सरकार एक समिति का गठन करेगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उस जगह पर किसी के भी द्वारा व्यावसायिक पार्किंग या गतिविधि की अनुमति नहीं होगी.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हमारा आदेश इस जमीन का किसी भी तरह के व्यावसायिक इस्तेमाल को रोकेगा. हम चाहते हैं कि मंदिर के देखभाल के लिए एक कमेटी का गठन हो. और इस कमेटी का गठन केंद्र सरकार खुद करे. कोर्ट ने सरकार को अगले छह हफ्ते के अंदर कमेटी का गठन करने को कहा है.