भारतीयों के इस्लामोफ़ोबिया पर अब विदेशों में हो रही है कार्रवाई!

अभी कुछ दिन पहले ही गल्फ़ न्यूज़ के हवाले से एक ख़बर आई थी की सयुंक्त अरब अमीरात में कुछ प्रवासी भारतीय लोगों को सोशल मीडिया पर इस्लामोफ़ोबिक कमेंट पोस्ट करने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया है। अब कनाडा से भी एक ऐसी ही ख़बर है। जहाँ रवि हुड्डा नाम के एक प्रवासी भारतीय व्यक्ति को इस्लाम और मुसलमानों का मजाक बनाने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया है। अब सिर्फ़ अरब देश ही नहीं बल्कि अन्य देश भी इस्लामोफ़ोबिया से ग्रस्त लोगों के विरुद्ध सख्त क़दम उठा रहे हैं। दरअसल ब्रैम्पटन शहर के मेयर ने एक ट्वीट किया कि 1984 में बने कानून में सिर्फ़ चर्च की बेल्स के लिए छूट दी गयी थी। अब इसमें अनुमति प्राप्त समय और डेसिबल स्तरों (ध्वनि को मापने की इकाई) के अंतर्गत सभी धर्मों को शामिल किया है। मुस्लिम सूर्यास्त के समय अज़ान पढ़ सकते हैं। ये 2020 है और हम सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करते हैं।

मेयर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

रवि हुड्डा ने मेयर के अज़ान वाले फ़ैसले पर किया अपमानजनक ट्वीट

मेयर के इस ट्वीट के जवाब में रवि हुड्डा ने ट्वीट किया अब और क्या ? ऊंट और बकरी वालों के लिए अलग लेन ? बलिदान के नाम पर घरों में जानवरों की हत्या ? कानून के द्वारा सभी महिलाओं को टेंट की तरह सिर से पांव तक ढंकने की ज़रूरत, वोट के लिए तुष्टिकरण। इस ट्वीट के बाद अब रवि हुड्डा का ट्विटर एकाउंट प्राइवेट हो गया है लेकिन उसका स्क्रीनशॉट उपलब्ध है।

रवि हुड्डा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी ज़मात वाली घटना के बाद भारत में कोरोना वायरस के फ़ैलने की बड़ी वजह मुस्लिमों को माना जा रहा है। एक संस्था को सारे इस्लाम से जोड़कर मुस्लिमों के प्रति नफ़रत फैलाई जा रही है। कहीं मुस्लिमों को गांव में नहीं घुसने के लिए बोर्ड लगा दिया जाता है तो कहीं सिर्फ़ हिंदुओं को हिंदुओं की दुकान से ही खरीददारी के लिए कहा जाता है। हजारों की संख्या में फ़ेक न्यूज़ के नाम पर वीडियो और फ़ोटो वायरल की जा रही है। हालाँकि पुलिस ने और कई फैक्ट चेक करने वाली एजेंसियों ने कई बार इन ख़बरों का खंडन किया है लेकिन लोगों में इस्लामोफ़ोबिया बढ़ता ही जा रहा है। कनाडा में हुई ये घटना भी उसी का एक उदाहरण है।

लोगों के विरोध के बाद रवि को उनकी नौकरी से निकाल दिया गया है

रवि हुड्डा के इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने इस पर आपत्ति जतायी। साथ ही कुछ लोगों ने रवि हुड्डा जिस स्कूल में काम करता था। वहां भी शिकायत की। जिसके बाद रवि को पील डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड ने स्कूल काउंसिल सदस्य के पद से हटा दिया है। साथ ही संबंधित स्कूल की प्रिंसिपल के द्वारा इस मामले में आगे की जाँच की जा रही है।

रियल एस्टेट कंपनी ने भी अनुबंध समाप्त किया

इसके बाद किसी ने रीमैक्स नाम की एक रियल एस्टेट कम्पनी को भी ट्वीट में टैग कर के रवि के वहां भी जुड़े होने की बात कही। ट्वीट के जवाब में रीमैक्स ने भी एक ट्वीट करके जानकारी दी कि हम मिस्टर हुड्डा के विचारों का समर्थन नहीं करते न ही हम उनको साझा करते हैं। रवि हुड्डा के साथ हमने सारे अनुबंध समाप्त कर दिए हैं। अब रवि हुड्डा का रीमैक्स कंपनी के साथ किसी भी रूप में कोई संबंध नहीं है। बहुसंस्कृतिवाद और विविधता हमारे समाज के कुछ सबसे अच्छे गुण हैं और हम अपने सभी कामों में इन मूल्यों को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

https://twitter.com/REMAXca/status/1257787625743794177

अधिकतर लोग जो काम कर रहे हैं अंततः उन्हें भी रवि हुड्डा जैसे लोगों की वजह से अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है। साथ ही भारत सरकार का इस्लामोफ़ोबिया को रोकने के लिए कोई सख्त क़दम न उठाना भी अन्य देशों में भारत की गलत छवि बनाएगा। कई देशों में स्थिति ऐसी हो गई है कि कई लोगों के ऐसे कट्टरपंथी बर्ताव और उनके ख़िलाफ़ होने वाले स्थानीय लोगों के विरोध के बाद – स्टॉप हिंदूफ़ोबिया जैसे कैंपेन चलाने पड़ रहे हैं।

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