जितेन्द्र कुमार
भारत के सबसे बड़े राजनैतिक मौसम वैज्ञानिक रामविलास पासवान इस साल अपने संसदीय जीवन के पचासवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। वे पांचवे बिहार विधान सभा चुनाव (1969-72) में अलौली विधानसभा क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) से चुनाव जीतकर आए थे।
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संसदीय जीवन की शुरूआत ही उन्होंने झूठ और गैरकानूनी काम के बुनियाद पर की है। वर्ष 1969 में जब वह चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे थे उस वर्ष उनकी उम्र महज 23 वर्ष थी जबकि भारत के संविधान के अनुसार विधायक बनने के लिए किसी भी व्यक्ति की उम्र 25 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
भारतीय संसद के लोकसभा के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को हुआ है। लोकसभा के उसी वेबसाइट पर नीचे (पोजीशन हेल्ड) वाले कॉलम में) लिखा है कि वह 1969 में बिहार विधान सभा के सदस्य बने। वेबसाइट पर मौजूद उनके जन्म दिन के मुताबिक वह पांच जुलाई 1971 से पहले विधानसभा के सदस्य नहीं बन सकते थे क्योंकि जुलाई 1971 में ही भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित 25 साल की उम्र पर वह पहुंच पाते हैं।
भारतीय संविधान के आर्टिकिल 173 (बी) के अनुसार विधानसभा का सदस्य होने के लिए न्युनतम 25 साल उम्र होनी चाहिए जबकि आर्टिकिल 84 (बी) के अनुसार लोकसभा के सदस्य के लिए भी न्युनतम उम्र 25 साल ही होनी चाहिए।
आखिर क्या कारण है कि रामविलास पासवान इतने दिनों से गलतबयानी करके संसद के सदस्य और कबीना मंत्री बने हुए हैं और उनके उपर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो रही है। क्या ऐसा इसलिए तो नहीं है कि वह हमेशा ही मंत्री बने रहते हैं चाहे सरकार जिस किसी भी पार्टी की हो। आज बीजेपी की सरकार में मंत्री हैं तो पिछली यूपीए-1 में भी पासवान मंत्री थे।
वैसे रामविलास पासवान के बारे में यह चर्चा भी सरेआम है कि उनकी पहली पत्नी बिहार के गांव में गुरबत की जिंदगी जी रही हैं जबकि 1977 में सांसद बनने के बाद उन्होंने पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर उन्होंने मौजूदा पत्नी रीना शर्मा से शादी की जो वर्तनाम में रीना पासवान हैं।