श्रीरामजन्मभूमि से महज़ दो किमी दूर ज़मीन, जहां पर न रास्ते है, न ही आवागमन। इसके बावजूद यहां ज़मीन खरीदने को कॉरपोरेट एजेंट और दूरदराज से आ रहे कारोबारी इस हद तक उत्सुक है कि मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं। यह उत्सुकता या इसे कह सकते है ज़मीन खरीदने का जुनून, सिर्फ इस लिए नही की यह भूमि राम मंदिर के करीब है। अगर ऐसा होता तो शायद यह भूमि खरीदने को लोग पहले ही तैयार रहते। इस भूमि के लिए कॉरपोरेट एजेंटों और कारोबारियों कि उत्सुकता इस लिए भी बढ़ी है क्योंकि यहीं अफसरों ने भी प्लॉट खरीदे है वो भी डीएम और डीआईजी जैसे अधिकारी।
फाइव स्टार होटल, बिजनेस कॉम्प्लेक्स और कॉलोनी की तैयारी..
अमर उजाला में छपी एक खबर के अनुसार, किसानों का कहना है कि पता नहीं ऐसा क्या है कि जब से अधिकारियों ने यहां जमीन खरीदी है, तब से कई बाहरी लोग जो भूमि के लिए ज़्यादा मुंह मांगी रकम देने को तैयार हैं और वह यहां फाइव स्टार होटल, बिजनेस कॉम्प्लेक्स और कॉलोनी बनाने की बात करते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस क्षेत्र की जमीन के चारों ओर से सीमेंट के खंभों से घिरा एक पीले गेट वाला प्लॉट डीआईजी का है, बगल में ही घेरा हुआ भव्य गेट लगा प्लॉट डीएम का है। वह यहां कई बार आए भी हैं।
ज़मीनें अधिग्रहण में आए किसानों की जमीन के साथ, सरकारी स्कूल, पंचायत भवन..
खबर के अनुसार, माझा बरहटा गांव के कुछ किसानों ने कहा, जिस खेत को वह अपना समझते थे। वहां से 2 जून की रोटी का बंदोबस्त करते थे, लेकिन जब अधिग्रहण हुआ तो पता चला की जिसे वह अपनी ज़मीन समझ रहे थे वह महर्षि रामायण विद्यार्थी ट्रस्ट के नाम पर है। उनकी ज़मीनें अधिग्रहण में चली गई। यहां तक कि गांव के हाईवे से सटे दोनों ओर की कई बस्तियों में रहने वाले लोग भी अवैध हो गए हैं। उनका घर अब उनका ही नहीं रहा। सिर्फ किसानों की जमीन ही नही बल्कि सरकार द्वारा बनाए गए स्कूल-पंचायत भवन को भी गिराने का काम किया गया है। महर्षि रामायण विद्यार्थी ट्रस्ट ने पूरी जमीन आवास विकास परिषद के नाम कर दी है।
अयोध्या शहर का विस्तार हाईवे तक करने के लिए अधिग्रहण..
बता दें कि अधिकारियों के प्लॉट जहां हैं, उसके ठीक सामने 30 मीटर चौड़ी सड़क स्वीकृत की गई है। यह सड़क एक तरफ नयाघाट-हाईवे सिक्स-लेन रोड और दूसरी तरफ लखनऊ-गोरखपुर फोर-लेन रोड से जुड़ेगी। अधिकारियों के प्लॉट के सामने स्वीकृत इस सड़क के दूसरी ओर नव्या अयोध्या के लिए अधिग्रहण किया गया है। जहां व्यावसायिक भवन, रेस्टोरेंट, होटल आदि बनने हैं, ताकि अयोध्या शहर का विस्तार हाईवे तक हो सके। सड़क बनने के बाद इस जमीन की कीमत आसमान छू जाएगी।