प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट स्थित सीपीआई (एमएल) के जिला कार्यालय पर शनिवार, 1 फरवरी को देर शाम पुलिस ने छापेमारी की है. वाराणसी पुलिस ने भाकपा (माले) के कार्यालय पर छापा डाला और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य व जिला प्रभारी मनीष शर्मा को ढूढ़ते हुए बिना किसी सर्च वारंट के कमरों की तलाशी ली. माले ने इस कार्रवाई की निंदा की है और इसे अघोषित आपातकाल करार दिया है. इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए माले ने एक बयान जारी किया है.
भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट स्थित माले के जिला कार्यालय पर शनिवार, 1 फरवरी को देर शाम पुलिस द्वारा छापा डालने की कड़ी निंदा की है।
पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने एक बयान में इस पुलिसिया कार्रवाई को विपक्ष की आवाज को चुप कराने की साजिश बताया। कहा कि वाराणसी का जिला प्रशासन मोदी-योगी को खुश करने की जुगत में लोकतंत्र का गला घोंटने पर उतारू हो गया है। तभी वह पार्टी नेताओं को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए)-विरोधी आंदोलन के नाम पर पहले फर्जी मामलों में फंसाने और फिर पार्टी कार्यालय पर छापा मारने जैसी कार्रवाइयां कर रहा है। यह अघोषित आपातकाल है। कहा कि डरी हुई सरकार विपक्ष को डराने का उपक्रम कर रही है। उन्होंने माले कार्यालय पर छापा डलवाने के जिम्मेदार अधिकारियों-पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ज्ञातव्य है कि वाराणसी पुलिस ने भाकपा (माले) के कार्यालय पर छापा डाला और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य व जिला प्रभारी मनीष शर्मा को ढूढ़ते हुए बिना किसी सर्च वारंट के कमरों की तलाशी लेने लगी। गत 19 दिसंबर के सीएए-विरोधी आंदोलन में गिरफ्तार होने और न्यायिक प्रक्रिया से रिहा होने के बाद मनीष फिर से जिला प्रशासन के निशाने पर हैं। पुलिस उन्हें बेनियाबाग में जनवरी के दूसरे पखवाड़े में हुए विरोध प्रदर्शन में संलिप्त बताकर फर्जी मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने के बहाने ढूंढ रही है। जबकि पार्टी बेनियाबाग मामले में मनीष शर्मा की मौजूदगी का खंडन कर चुकी है। माले राज्य सचिव ने कहा कि दमनकारी कार्रवाइयों से गैर-संवैधानिक सीएए का विरोध नहीं रुकेगा, बल्कि और तेज होगा।
विज्ञप्ति: अरुण कुमार, राज्य कार्यालय सचिव दारा जारी