कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अगर मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में नकदी नहीं डाली तो गरीब तबाह हो जाएंगे, मध्य वर्ग नया गरीब बन जाएगा। दरअसल कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते व्यापार और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हुआ है। लाखों-करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं और लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
राहुल गांधी ने एक निजी कंपनी की खबर को ट्वीट करते हुए कहा है “अगर भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को चालू करने के लिए उसमें नकदी नहीं डाली तो गरीब तो खत्म हो जाएंगे, मध्य वर्ग नया गरीब बन जाएगा और क्रोनी कैपिटलिस्ट्स पूरे देश के मालिक बन जाएंगे।”
If GOI doesn’t inject cash to start the economy now:
1. The poor will be decimated.
2. The middle class will become the new poor.
3. Crony capitalists will own the entire country. pic.twitter.com/fEmEKONOMF— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 13, 2020
इसके पहले भी राहुल गांधी सरकार के सामने इन मांगों को कई बार रख चुके हैं। वो लगातार कह रहे हैं कि “हिंदुस्तान को कर्ज का जरूरत नहीं है, हिंदुस्तान को पैसे की जरूरत है। गरीब जनता को पैसे की जरूरत है। 28 मई को कांग्रेस के ‘स्पीक अप इंडिया’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने सरकार से चार मांगे की थी। पहली मांग हर गरीब परिवार के बैंक अकाउंट में महीने का 7,500 रुपये छह महीने के लिए डाला जाए। दूसरी मांग मनरेगा 100 दिन नहीं बल्कि 200 दिन के लिये चलाया जाए। तीसरी मांग जो स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस हैं उनके लिए तुरंत एक पैकेज दिया जाए। और चौथी मांग जो आज हमारे मजदूर सड़कों पर खड़े हैं, वापस घर की ओर लौट रहे हैं, उनको लौटाने के लिए तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाए”।
It's time for every Indian to stand together & speak up in one voice. #SpeakUpIndia
for our brothers & sisters struggling for survival;
for those whose voice has been silenced;
for those in despair & are fearful.
We are India.
Together we can make a difference. pic.twitter.com/7Q6R2rcWuP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2020
राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “अर्थव्यवस्था को जीवित करने के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने और लोगों के हाथों में पैसे देने की जरूरत है, ताकि मांग बढ़े और आर्थिक गतिविधियां गति पकड़ें।”
Govt needs to take urgent steps to revive the economy and give money in people's hands so that demand increases & economic activities gain pace. https://t.co/qXCQnB1sPW
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 13, 2020
कांग्रेस ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत बद से बदतर हो गई है। अर्थव्यवस्था भाजपा से न कोरोना से पहले सम्भल रही थी और न ही अब सम्भल रही है। कांग्रेस का कहना है कि “भाजपा की आर्थक नीतियां देश के लिए पूरी तरह से एक आपदा रही हैं। कोविड से पहले अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने में विफल रहने के बाद भी वित्तमंत्री ने विशेषज्ञों की आवाज को सुनने से इंकार कर दिया। सरकार बढ़ती महंगाई को रोकने में विफल रही है। और अब अपनी विफलता छिपाने के लिए प्रमुख आर्थिक आंकड़े को छिपाने में व्यस्त है।”
BJP's economic policies have been a complete disaster for the country. Even after failing to put the economy back on track, pre-COVID, FM refuses to listen to expert voices. #NirmalaTaiMandiLai pic.twitter.com/yT6fQ39iIZ
— Congress (@INCIndia) June 13, 2020
कांग्रेस का कहना है कि वित्तमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत योजना जनता और उद्योगों की मदद करने से ज्यादा ऋण वितरण का एक जनसंपर्क एक्सरसाइज था। कांग्रेस ने कहा है कि “बेरोजगारी पहले से आसमान छू रही थी और कोरोना वायरस संकट ने इसे और बदतर बना दिया है। क्या बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए वित्तमंत्री के पास कोई योजना है?”
युवा इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है और भाजपा ने युवा को ही नेस्तनाबूद करने की ठान रखी है।
बेरोजगारी की मार हिंदुस्तान के युवा को बर्बाद कर रही है।#NirmalaTaiMandiLai pic.twitter.com/YRWtXHuzt2— Congress (@INCIndia) June 13, 2020
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