पिछले हफ्ते दिल्ली और महाराष्ट्र से पांच लोगों की यूएपीए के तहत हुई गिरफ्तारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के कथित षडयंत्र संबंधी पुलिस की थियरी पर अब सवाल उठने शुरू हो चुके हैं। एक ओर कांग्रेस ने साफ़ कहा है कि जब-जब मोदी की लोकप्रियता घटने लगती है उनकी हत्या की साजि़श की ख़बर आ जाती है। कांग्रेस की ओर से संजय निरूपम ने कहा कि मीडिया को चुनिंदा सूचनाएं लीक की जा रही हैं। दूसरी ओर खुद आंध्र और तेलंगाना के पुलिस अफ़सरों ने पुणे पुलिस की थियरी को चुनौती दी है।
भीमा कोरेगांव हिंसा से एक दिन पहले हुए यलगार परिषद से जुड़ी एफआइआर के सिलसिले में दिल्ली से यूएपीए के अंतर्गत गिरफ्तार किए गए रोना विल्सन के बचाव में उनका परिवार आ गया है। डेकन क्रॉनिकल की ख़बर के मुताबिक केरल के कोल्लम के मूल निवासी रोना जैकब विल्सन के परिवार का बयान है कि उन्हें फंसाया गया है।
रोना के बड़े भाई रॉय विल्सन ने अख़बार को बताया, ”उसके खिलाफ सभी आरोप फर्जी और मनगढ़ंत हैं। हम उसे बहुत अच्छे से जानते हैं। उसके ऊपर जिन अपराधों के आरोप लगे हैं उन्हें वे करने में समर्थ ही नहीं है।”
ध्यान रहे कि पुलिस और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के मुताबिक रोना के आवास से एक पत्र बरामद हुआ है जिसमें ”मोदीराज” को खत्म करने के लिए ”राजीव गांधी जैसी एक और घटना” में प्रधानामंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की योजना की बात लिखी हुई है।
अख़बार के मुताबिक उन्हें बुधवार को पुणे एयरपोर्ट से पुलिस ने गिरफ्तार किया जब वे अपने बड़े भाई के बेटे के बपतिस्मा में शामिल होकर केरल से लौट रहे थे। रोना के दोस्तों ने उन्हें एक ”ब्रिलिएंट यंग मैन” बताया है जब वे कोल्लम में छात्र हुआ करते थे। जिस चिट्ठी की बात की जा रही है, वह उनके लैपटॉप से कथित रूप से बरामद हुई थी। इसी कथित पत्र में राइफल और गोलियों के लिए 8 करोड़ रुपये की बात की गई है और इस सिलसिले में तेलुगु के क्रांतिकारी कवि वरवरा राव का नाम आया है।
वरवरा राव ने पहले ही कह दिया है कि उनका इस पत्र से कोई लेना-देना नहीं है। हैदराबाद में शनिवार की सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए राव ने साफ़ कहा कि सारी चिट्ठियां फ़र्जी हैं और भीमा कोरेगांव हिंसा के साथ माओवादियों को जोड़ने की जबरन कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, ”आप (मीडिया) माओवादियों के संचार की शैली से परिचित हैं। मैं भी जानता हूं क्योंकि मैंने शांति वार्ता में हिस्सा लिया है। क्या सहजबुद्धि से कोई भी यह विश्वास कर सकता है कि ये पत्र माओवादी पार्टी ने लिखे होंगे?”
उन्होंने सवाल उठाया, ”हिंदी की एक चिट्ठी में मुझे महान नेता बताया गया है। क्या माओवादी पार्टी या पीपुल्स वॉर मुझे कभी इस नाम से बुलाता है? रोना विल्सन को लाल जोहार लिखा गया है और अंत में दिखाया गया है कि चिट्ठी मिलिंद ने लिखी है। वह माओवादी पार्टी के सेंट्रल कमेटी के सदस्य हैं। मिलिंद जैसा एक परिपक्व शख्स ऐसी चिट्ठी कैसे लिखेगा?”
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक खुद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नक्सल विरोधी अभियान चलाने वाले पुलिस अफ़सरों का मानना है कि न तो माओवादियों के पास ऐसा हमला करने की ताकत बची है और न ही उनके पास हमलावर टीमें हैं। एक पुलिस स्रोत के मुताबिक, ”सुसाइड बम हमला माओवादी विचारधारा का हिस्सा नहीं है। इनकी हमला करने वाली टीमें तकरीबन टूट चुकी हैं। जंगल के बाहर हमला करने की इनकी क्षमता नहीं है।”
एक दिलचस्प घटनाक्रम में जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद ने एक ट्वीट में सनसनीखेज बात कही कि आरएसएस और भाजपा के नितिन गडकरी मोदी की हत्या करने की योजना बना रहे हैं और उनकी योजना है कि इसका दोष मुसलमानों या कम्युनिस्टों पर गढ़ दिया जाए। इस बयान पर नितिन गडकरी ने नाम लिए बगैर अदालती कार्रवाई की धमकी दी है। हालाँकि शेहला ने इसे व्यंग्य बताया है जो जेएनयू को निरंतर देशद्रोही बताने के जवाब में किया गया।
पिछले पांच दिनों के दौरान हालांकि कुछ और लोग पुणे पुलिस के राडार पर आए हैं। फ्री प्रेस जर्नल की ताज़ा ख़बर के मुताबिक अगले एकाध दिन में पुणे के एक दंपत्ति, औरंगाबाद युनिवर्सिटी के एक बुद्धिजीवी तथा जलगाव जिले के अमलनार से किसी को पूछताछ के लिए उठाया जा सकता है। गुप्तचर सूत्रों के मुताबिक कबीर कला मंच और रिपब्लिकन पैंथर्स पर भी पुलिस की निगाह है।