यलगार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने नोएडा में रह रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के घर मंगलवार को छापेमारी की. नोएडा में रहने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू एमटी के घर पुणे पुलिस ने करीब छह घंटे तक छापेमारी कर कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व कागजात जब्त किए. पुणे क्राइम ब्रांच के डीसीपी बच्चन सिंह, एसीपी शिवाजी पवार के नेतृत्व में पुणे पुलिस की टीम सुबह साढ़े छह बजे नोएडा पहुंची और स्थानीय पुलिस के साथ सेक्टर-78 स्थित हाइड पार्क सोसायटी में रह रहे अंग्रेजी केप्रोफेसर हनी बाबू एमटी के फ्लैट की तलाशी ली. पीयूसीएल ने पुणे पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है.
PUCL's statement on the Hany Babu raid. Points out that he is a part of the group of DU teachers fighting for GN Saibaba. pic.twitter.com/Tcpnbf8F4o
— Shreya Roy Chowdhury (@ShreyaR_C) September 10, 2019
पीयूसीएल ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि पुणे पुलिस ने गैरकानूनी ढंग से बिना सर्च वारंट के यह कार्रवाई की है.डॉ.हनी बाबू द्वारा छापे की वैधता के बारे में पूछे जाने पर, पुलिस ने कहा कि उन्हें अपने कार्यों की व्याख्या करने की आवश्यकता नहीं है.
CPIM strongly condemns the raid on house of Delhi University Prof Dr Hany Babu. Stands in solidarity with the Professor and supports the statement of the Delhi University Teachers' Association.
Read DUTA's full statement:https://t.co/PSRUERLhh8— CPI (M) (@cpimspeak) September 10, 2019
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ डूटा ने एक बयान में कहा, ‘‘बगैर तलाशी वारंट के इस तरह के छापे लोकतंत्र की मूल भावना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ हैं.” डूटा ने कहा, ‘‘हम असहमति की आवाज के प्रति इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने वाले रवैये को फौरन खत्म करने की मांग करते हैं.’
https://www.facebook.com/cpimcc/posts/1274353656069645
प्रोफ़ेसर हनी बाबू ने आरोप लगाया कि बिना वारंट के आठ से दस पुलिसकर्मी उनके घर में आकर सर्च करने लगे जो उचित नहीं था. उन्हें आने से पहले सर्च वारंट लेकर आना चाहिए था. वे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव भी ले गए जिसे बाद में वापस करने की बात कही.
Hany Babu M.T., an associate professor of English, said his house was searched for six hours from 6.30 am by 20 people who claimed to be from the crime branch.https://t.co/eNBgSuNDqk
— The Telegraph (@ttindia) September 11, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी मेरे घर में घुसे और मेरे अपार्टमेंट के हर कमरे की तलाशी ली. तलाशी छह घंटे तक चली, जिसके अंत में उन्होंने कहा कि वे लोग मेरा लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मेरा पेन ड्राइव और पुस्तकें जब्त कर रहे हैं. उन्होंने मुझसे मेरे सोशल मीडिया अकाउंटों और ईमेल अकाउंटों का पासवर्ड बदलवाया.” उनकी पत्नी जेनी रोवेना ने कहा कि छापे के बाद वे भयभीत हैं लेकिन डीयू के अध्यापकों और छात्रों ने उनके साथ एकजुटता जाहिर की है. उनकी पत्नी डीयू के मिरांडा हाऊस कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाती हैं. जेनी ने कहा, ‘‘जब सुबह साढ़े छह (6:30) बजे वे (पुलिस) आए तब हम लोग गहरी नींद में सो रहे थे. उन्होंने हमसे कहा कि इस मामले में तलाशी वारंट की जरूरत नहीं है. उन्होंने हमें कुछ केस नंबर बताए और फिर कहा कि यह रोना विल्सन मामले से जुड़ा है.”
प्रोफेसर हनी बाबू एमटी ने भी इस छापेमारी की कार्रवाई पर अपना वक्तव्य ट्वीट किया है :
This is my statement regarding the police raid at my apartment this morning. @jennyrowena pic.twitter.com/aQBKoI38rp
— Hany Babu MT (@hanybabu) September 10, 2019
जेनी ने कहा, ‘‘हमारे पास तीन कमरों में पुस्तकें रखी हुई हैं और उन्होंने पुस्तकों के वीडियो बनाये. छह घंटे बाद उन्होंने कहा कि आप अब कोरेगांव भीमा मामले में संदिग्ध हैं.” उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उन्होंने(पुणे पुलिस ने) कहा कि हनी बाबू कोरेगांव भीमा मामले में संलिप्त हैं और इस वजह से वे बगैर तलाशी वारंट के उनके घर की तलाशी ले सकते हैं. उन्होंने छह घंटे तक तलाशी ली, वे तीन पुस्तकें, लैपटॉप, फोन, हार्ड डिस्क ले गये.”
पीयूसीएल का वक्तव्य यहां पढ़ा जा सकता है:
2019 – 09 – PUCL statement on raid of Prof. Hany’s House – 10Sep2019