केरल, पंजाब फिर राजस्थान के बाद अब पुदुचेरी विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. इसी के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पुडुचेरी पहला केंद्र शासित राज्य बन गया है.
Puducherry Assembly adopts resolution against #CAA, #NRC and #NPR
— Press Trust of India (@PTI_News) February 12, 2020
बीते 2 फरवरी को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा था कि सीएए के विरोध में 12 फरवरी को विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा.
बता दें कि, आज सदन में जब इस बिल को चर्चा के लिए लाया गया तब एआइएडीएमके, बीजेपी और अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस के विधायक सदन से बाहर चले गये थे.
MLAs of AIADMK and All India NR Congress boycotted the proceedings of the House and did not come to the Assembly. #Puducherry https://t.co/cpcU3j2M7N
— ANI (@ANI) February 12, 2020
पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने दो दिन पहले ही सीएम नारायणसामी को पत्र लिखकर कहा था कि संसद द्वारा पारित अधिनियम केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू किया गया है और किसी भी तरीके से इससे छेड़छाड़ या सवाल नहीं किया जा सकता.
CAA cannot be questioned or deliberated in any manner: Kiran Bedi to Puducherry CM https://t.co/63xzPpMRxh
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) February 11, 2020
बता दें कि, बीते साल दिसंबर में सीएए के पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर से हुई. ख़ास तौर से असम में इसे लेकर बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए. इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दिल्ली की जेएनयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी प्रदर्शन हो रहे है. दिल्ली के शाहीन बाग़ में बीते करीब दो महीनों से महिलाएं सड़क पर धरने पर बैठी हैं. शाहीन बाग़ के तर्ज पर देश के कई शहरों में प्रदर्शन जारी है.