कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच आरएसएस और बीजेपी ने सकारात्मक अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत लोगों के बीच सकारात्मक रहने की प्रेरणा देने वाले कार्यक्रम होंगे। धर्मगुरुओं से लेकर उद्योगपतियों तक के संबोधन होंगे। इस आशय की छपी ख़बर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह रेत में सिर डालने जैसा है। यह देशवासियों के साथ धोखा है।
राहुल गाँधी ने कहा कि सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली स्वास्थ्य कर्मचारियों और उन्हें परिवारों के साथ मज़ाक़ है जिन्होंने अपनों को खोया है।
सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली स्वास्थ्य कर्मचारियों व उन परिवारों के साथ मज़ाक़ है जिन्होंने अपनों को खोया है और ऑक्सीजन-अस्पताल-दवा की कमी झेल रहे हैं।
रेत में सर डालना सकारात्मक नहीं, देशवासियों के साथ धोखा है। pic.twitter.com/0e1kRxrAZI
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 12, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कोरोना महामारी के बीच सरकार के रवैये को देशवासियों के प्रति क्रूर बताया है।
बार-बार दुखद समाचार आते जा रहे हैं। बुनियादी समस्याएँ अभी तक सुलझाई नहीं गयी हैं।
इस महामारी में केंद्र सरकार की क्रूरता को हमारे देशवासी कब तक झेलेंगे?
जिनकी जवाबदेही है, वे कहीं छुपे बैठे हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 12, 2021
उधर, चुनाव एक्सपर्ट प्रशांत किशोर ने भी सकारात्मक अभियान को घिनौना करार दिया है।
In the face of a grieving nation and tragedies unfolding all around us, the continued attempt to push FALSEHOOD and PROPAGANDA in the name of spreading POSITIVITY is disgusting!
For being positive we don’t have to become blind propagandist of the Govt.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 12, 2021