मज़दूरों को घर वापस पहुँचाने के लिए रेल टिकट का खर्च उठाने के बाद अब कांग्रेस ने बस चलाने का भी प्रस्ताव दिया है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया. प्रतिनिधि मंडल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आरके चौधरी और श्याम किशोर शुक्ला शामिल थे.
.. मजदूरों को घर पहुंचाएं। केवल आज के ही दिन में 3 भीषण दुर्घटनाएं घट गईं।
ये मजदूरों को अकेले छोड़ देने का वक्त नहीं है। आशा है उप्र सरकार से सकारात्मक जवाब आएगा। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
पत्र में यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं. लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.
उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में अब तक क़रीब 65 मजदूरों की अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है.
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में लिखा है कि पलायन करते हुए, बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने हुए 500 बसें गाज़ीपुर बार्डर गाज़ियाबाद और 500 बसें नोएडा बार्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) वहन करेगी. महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों को चलाने की आपसे अनुमति चाहते हैं.
पत्र के अंत में उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रनिर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता है. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी इनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
इसके पहले प्रियंका गांधी ने सड़कों पर जा रहे मजदूरों के साथ हो रहे हादसों पर दुख जताते हुए ट्वीट किया कि “औरैया की दुखद घटना के बाद अब उन्नाव और सागर से भी सड़क दुर्घटना में मजदूरों की मौत की खबर आ रही है. ये त्रासदी बनती जा रही है. इसका हल एक ही है कि सरकार मानवीयता और संवेदना के साथ मजदूरों को उनके घर पहुंचाए. मजदूरों को इन अमानवीय हालातों में छोड़ा नहीं जा सकता है.“
औरैया की दुखद घटना के बाद अब उन्नाव और सागर से भी सड़क दुर्घटना में मजदूरों की मौत की खबर आ रही है।
ये त्रासदी बनती जा रही है। इसका हल एक ही है कि सरकार मानवीयता और संवेदना के साथ मजदूरों को उनके घर पहुंचाएं।
मजदूरों को इन अमानवीय हालातों में छोड़ा नहीं जा सकता है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘औरैया की हृदय विदारक घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न उपस्थित कर दिया है कि आख़िर सरकार क्या सोचकर इन मजदूरों के घर जाने की समुचित व्यवस्था नहीं कर रही है? प्रदेश के अंदर मजदूरों को ले जाने के लिए बसें क्यों नहीं चलाई जा रही हैं?’
उन्होंने कहा कि ‘या तो सरकार को कुछ दिख नहीं रहा या वो सब कुछ देख के अनजान बनी हुई है. क्या सरकार का काम सिर्फ बयानबाजी करना रह गया है?’
.. वो सब कुछ देख के अनजान बनी हुई है।
क्या सरकार का काम सिर्फ बयानबाजी करना रह गया है? 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020