कानपुर सेल्टर होम मामले में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नोटिस मिलने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। उन्होंने योगी सरकार के साथ कुछ विपक्षी नेताओं पर भी निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि वो इंदिरा गांधी की पोती हैं, कुछ विपक्षी नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं हैं। उनका कर्तत्व यूपी की जनता के सामने सच्चाई रखना का है और वो सच्चाई लोगों के सामने रखती रहेंगी। यूपी सरकार को जो कार्यवाही करना हो करे।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।“
प्रियंका गांधी ने कहा कि “जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।“
.. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।..2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
दरअसल उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कानपुर सेल्टर होम में लड़कियों के साथ हुई अमानवीयता की घटनाओं पर प्रिंयका गांधी की फेसबुक टिप्पणी को लेकर नोटिस भेजा है। आयोग ने प्रियंका गांधी से सेल्टर होम को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी का तीन दिन के अन्दर खण्डन करने को कहा है। साथ ही आयोग ने प्रियंका गांधी को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने समय से खण्डन जारी नहीं किया तो बाल अधिकार संरक्षण आयोग उनके खिलाफ अधिनियम-2005 की धारा-13 की उपधारा -1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत कार्यवाही करेगा।
दरअसल प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में कानपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने और खासकर एचआईवी और हेपेटाइटिस सी के संक्रमित होने की बात कही थी। आयोग ने फेसबुक पोस्ट को भ्रामक पोस्ट मानते हुए उन्हें नोटिस भेजा है।
बता दें कि कानपुर सेल्टर होम में रह रही 57 लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव और 7 लड़कियों के गर्भवती होने की खबर सामने आयी है। लड़कियों के गर्भवती और कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भी भेजा है।
वहीं इसके पहले, आगरा के डीएम ने “48 घंटे के अंदर 28 कोरोना मरीजों की मौत” की खबर ट्वीट करने पर प्रियंका गांधी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया था। डीएम की नोटिस में कहा गया था कि प्रियंका गांधी के ट्वीट से लोगों में भ्रम फैला है और कोरोना योद्धाओं के मनोबल को ठेस पहुंची है।
संलग्न नवभारत टाइम्स द्वारा अबतक हुए कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु के सम्बन्ध में डेथ ऑडिट का हवाला दिया है। पिछले 109 दिनों में #Agra में अबतक कुल 1136 केस एवं 79 मृत्यु हुयी है। "पिछले 48 घंटों में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु" की खबर असत्य है।@UPGovt@PrabhuNs_ https://t.co/9XtEIervvy
— District Magistrate Agra (@OfficeOfDMAgra) June 22, 2020
दरअसल 22 जून को प्रियंका गांधी ने नवभारत टाइम्स की एक खबर को ट्वीट किया था। इस खबर के मुताबिक आगरा के एसएन अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर 28 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है। प्रियंका गांधी ने इस खबर को शेयर करके ट्वीट किया था कि “आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। यूपी सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई।”
..अगर यूपी सरकार सच दबाकर कोरोना मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो बहुत घातक होने वाला है। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 22, 2020
वहीं डीएम की नोटिस के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर फिर योगी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्रीजी 48 घंटे के भीतर जनता को बताएं कि कोरोना मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही किसकी है? उन्होंने मौत के आंकड़ों में विरोधाभास वाली मुख्यमंत्री कार्यालय की एक चिट्ठी को शेयर किया था।
.. में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं?
मुख्यमंत्रीजी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएँ। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 23, 2020