नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मुंबई के एक क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है उनके खिलाफ चल रहे मामलों को छिपाने की वजह से क्यों ना उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए? मेधा पाटकर को 18 अक्टूबर को नोटिस जारी किया गया था।
Activist Medha Patkar gets passport office notice on pending cases; cries foulhttps://t.co/SY7tKMfwlT
— The Indian Express (@IndianExpress) November 21, 2019
इस पर मेधा पाटकर ने कहा है कि “मुझे लगता है कि यह बहुत गहरी साजिश है, जिसका पता लगाने की जरूरत है।”
Medha Patkar passport row: Social worker says there is a ‘deliberate attempt to target activists’ https://t.co/OeQcRkbsgH
— nikhil wagle (@waglenikhil) November 21, 2019
एनडीटीवी के अनुसार मेधा पाटकर ने 18 अक्टूबर, 2019 को मुंबई आरपीओ के नोटिस का जवाब दे चुकी हैं, उन्होंने अपना लिखित जवाब साझा किया है जिसमें उन्होंने बताया कि वो पहले ही मध्यप्रदेश के बड़वानी, अलीराजपुर और खंडवा जिलों में जो मामले दिखाए गए हैं उनमें से तीन (बड़वानी में दो और अलीराजपुर में एक) में बरी हो चुकी हैं। सरदार सरोवर के विस्थापितों के लिये एक मौन जुलूस निकालने से संबंधित एक और मामला अगस्त 2017 में बड़वानी में दर्ज किया गया था, इसलिए वहां मार्च 2017 में इसे पासपोर्ट कार्यालय को सूचित करने के बारे में कोई प्रश्न नहीं उठता। जहां तक खंडवा जिला न्यायालय में लंबित मामलों का सवाल है, मुझे याद नहीं है कि इनमें से किसी भी मामले में समन या गिरफ्तार किया गया है और न ही याद है कि इन मामलों में अबतक आरोपी बनाया गया है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस मुंबई ने नोटिस में बताया है कि मेधा पाटकर के खिलाफ 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से तीन मामले बड़वानी, एक अलीराजापुर और पांच मामले मध्य प्रदेश के खंडवा में दर्ज हैं। पासपोर्ट ऑफिस की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि मेधा पाटकर की ओर से इन मामलों के बारे में उनकी ओर से जानकारी नहीं दी गई है।
पासपोर्ट ऑफिस की ओर से जारी नोटिस में पूछा गया है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12(1) के तहत क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पासपोर्ट ऑफिस की ओर से उनकी ओर से 10 दिन में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।
यह नोटिस पासपोर्ट ऑफिस की ओर से 18 अक्टूबर को जारी किया गया है। इस नोटिस के 30 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक उनकी ओर से नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है।
इसी साल जून में एक पत्रकार की ओर मेधा पाटकर के खिलाफ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत में यह बात कही गई थी कि मेधा पाटकर ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए जानकारी छिपाई है। मेधा पाटकर साल 2014 का लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर मुंबई उत्तर पूर्व से लड़ चुकी हैं लेकिन वो चुनाव हार गई थीं।