महत्ता तभी होगी जब आप सत्ता केन्द्रित सियासत के साझीदार बन जायें। वरना आप हो कर भी कही नहीं हैं।
बेटी की मौत के बाद इंसाफ मांगने वाले सुक्रमपाल को हर रोज़ मौत की धमकियों और प्रशासन की अनदेखी का सामना करना पड़ रहा है
गोदाम, चेक पोस्ट, बाइपास के उद्घाटन के लिए मोदी की सौ रैलियाँ
हर नागरिक पर लगभग 61 हजार रुपये का कर्ज है।
मृणाल सेन की याद और हाशिए के लोगों को समर्पित इस फेस्टिवल में छह दस्तावेजी फिल्म, दो फीचर फिल्म, एक बाल फिल्म के अलावा म्यूजिक वीडियो व लघु कथा फिल्म दिखाई जा रही…
रिद्वार सम्मेलन में फासीवाद और नवउदारवाद के खिलाफ बहुलतावादी समावेशी लोकतंत्र के लिए संघर्ष का संकल्प लिया जाएगा।
मुकेश अम्बानी को अपने आर्थिक साम्राज्य की चिंता है। वह एक 'अधनंगे फकीर' को अपनी ढाल बना रहे हैं
जीएनवाई एशिया को नोटबंदी के 13 दिन बाद 21 नवंबर 2016 को पंजीकृत किया गया था
1फरवरी को बजट पेश कौन करेगा जब वित्त मंत्री कैंसर के इलाज के लिये न्यूयार्क जा चुके हैं !
जो सरकार सरस्वती नदी को हरियाणा से निकालकर अरब सागर तक ले जाने में जुटी है, वही सरकार अपने खजाने से प्रयागराज में उसी नदी के होने को कैसे प्रचारित कर सकती है।…
सुप्रीम कोर्ट में 16 मेगावाट की परियोजना के खिलाफ अभी केस चल रहा है इसलिए इसे 40 मेगावाट की करने पर जनसुनवाई कानूनी रूप से गलत थी।
प्रो. आनंद तेलतुम्बडे की आसन्न गिरफ्तारी पर अरुंधति रॉय का बयान
रोजा लक्जमबर्ग की आज से कोई 100 साल पहले 15 जनवरी 1919 को हत्या कर दी गई थी
उन्हें दुस्वप्न में भी इस बात की आशंका नहीं थी कि इस देश की राजसत्ता उनके खिलाफ खड़ी हो जाएगी और उन्हें अपराधी करार देगी, जिसके लिए उन्होंने अपने पेशेवर जीवन में इतना…
वर्ल्ड बैंक के अधिकारी ने 2017 में ही कह दिया था कि, 'यह चिंता की बात है कि सरकार लोन हासिल किए बिना कमिटमेंट फीस चुका रही है।'
सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस के साथ नहीं रहने से जो त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होगा उसके कारण भाजपा को और भी ज्यादा नुकसान होगा।
कोटलर के मुताबिक राष्ट्र को, जनता को, सरोकार को, विचार को भी बेचा जा सकता है
इनके अलावा 36 ऐसे नाम हैं भी चार्जशीट में हैं जिनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने लायक पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं
हफ्ते भर पहले बिहार के गया में एक किशोरी का क्षत-विक्षत शव पाया गया था जिसके बाद पूरा शहर भड़क उठा था
पुण्य प्रसून वाजपेयी अब देश के लिये नहीं वोटरों के लिये बनती है पॉलिसी जैसे जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे बिसात पर चली जा रही हर चाल…
दोनों दलों के प्रत्याशी 38-38 सीटों पर लड़ेंगे। बची हुई चार सीटों में से अमेठी व रायरेली की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी जाएंगी और बाकी दो सीटें अन्य गठबंधन सहयोगियों…
सीवीसी उन पर लगाए गए चार आरोप सही बता रही है तो यह बात सुप्रीम कोर्ट को क्यों नही दिखी?
अखबार पत्रिकाओं के चस्के का पहला बडा असर दिखा सागर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की प्रवेश परीक्षा में जहां अपन अव्वल आये और विभागाध्यक्ष प्रदीप कृष्णात्रे जी की निगाहों में चढ गये।
कॉरपोरेट कंपनियों के कर्मचारियों को ख़ासतौर पर इसका क़हर झेलना पड़ता है और वे कमउम्र में ही तमाम बीमारियों के शिकार बन रहे हैं।
अब ऐसे राजनेता गिनती के भी नहीं बचे जो वोटों के नुकसान की क़ीमत पर सत्य बोल सकें।