‘तबलीगी जमात के लोगों का इलाज नहीं कालकोठरी में बंद करना था’: GSVM प्रिंसिपल का वीडियो वायरल

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तस्वीर:जी.एस.वी.एम की वेबसाइट से साभार


उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य आरती लालचंदानी का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वो अपने पेशे को बदनाम करते हुए, मुस्लिमों को लेकर अपत्तिज़नक भाषा का उपयोग कर रही हैं और साथ ही तब्लीगी जमात के सदस्यों को कालकोठरी में बंद करने की बात कह रही हैं। दरअसल ये वीडियो अप्रैल महीने का बताया जा रहा है। आपको याद दिला दें कि ये वही डॉक्टर आरती लालचंदानी हैं। जिन्होंने एक टीवी चैनल पर तब्लीगी ज़मात के लोगों पर नॉनवेज खाना मांगने, खाने पर लात मारने का आरोप लगाया था। उसके बाद ये कई टीवी चैनल पर तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाती नज़र आई थीं।

तस्वीर: संबंधित टीवी चैनल और वेबसाइट से साभार

अभी के वीडियो में आरती लालचंदानी कुछ मीडिया वालों के साथ बैठी दिखाई दे रही हैं। उन्हीं में से किसी एक ने ये वीडियो रिकॉर्ड किया है। बीच-बीच में आरती लालचंदानी पूछती भी हैं कि रेकॉर्ड तो नहीं कर रहे हैं न आप लोग ? ये वीडियो लीक मत कर दीजिएगा । वीडियो में आरती लालचंदानी कहती हैं कि हम कह नहीं पाये लेकिन ये सारे जमाती आतंकवादी हैं। और इन्हें वीआईपी व्यवस्था दी जा रही है। लाखों का ख़र्च हो रहा है, हमारा सारा रिसोर्स इन ज़मातियों पर इस्तेमाल हो रहा है। 100 पी.पी.ई. किट इन पर ख़राब हो रही है। इसी बीच वहां बैठा एक व्यक्ति आरती लालचंदानी से एक कदम आगे जाने की कोशिश में कहता है कि ‘इन जमातियों से फुर्सत पाने के लिए एक-एक करके इंजेक्शन लगवा दीजिए।’

आरती लालचंदानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी जमातियों के मुद्दे के बीच में लाते हुए कहती हैं कि ‘योगी जी अपीज़मेंट (मनौती/तुष्टिकरण) वाला रास्ता अपना रहे हैं। इन लोगों को भर्ती करना अपीज़मेंट है। जिन लोगों को जेल में डालना चाहिए। उनको सुविधा दे रहे हैं। दवाइयां बर्बाद कर रहे हो, खाना-पीना खिला रहे हो, मैनपॉवर बर्बाद हो रहा है। सबसे ज्यादा तो हमारी हजारों की किट बर्बाद हो रही है। एक बार योगी जी को आदेश दे देना चाहिए कि जमाती के लिए हमारे स्टेट का, सरकार का कोई रिसोर्स नहीं इस्तेमाल होगा। बस तब हम बता देंगे, दौड़ा देंगे इनको। जी टीवी और इंडिया टीवी पर कहना चाहिए था कि लोग किट उतार कर भाग गए। सी.एम.ओ. लोगों के लिए एम्बुलेंस दौड़ा रहे हैं। मैं बहुत लड़ी उनसे, मैंने कहा ख़ातिरदारी मत करिए। इन्हें जंगल में छोड़ दीजिए। इन्हें जंगल में बंद कर दीजिए, कालकोठरी में बंद कर दीजिए। मुझे इस बात पर बहुत दबाया गया। मैं बहुत लड़ी उनसे। और अभी भी मैं खुलकर नहीं कह सकती।’

आरती लालचंदानी आगे कहती हैं कि ‘आप लोग मीडिया में हैं आप लोग ये कह सकते हैं। आप किसी से कहलवा सकते हैं कि आप अपीज़मेंट कर रहे हैं। पब्लिक और स्वास्थ कर्मचारियों की कीमत पर आप ये कर रहे हैं। आप 100 करोड़ की पब्लिक की भेंट चढ़ा रहे हैं, इन 30 करोड़ लोगों के ऊपर। अभी सरकार नेगेटिव में चली जाएगी। इनकी वजह से आर्थिक इमरजेंसी आ जाएगी।’ एक मीडिया वाला कहता है कि ‘मैडम अभी ये मुद्दा बहुत गरम है। आप लिखकर दे दीजिए, हम लोग उसे चलाएंगे, शायद उसका कुछ फ़र्क पड़े।’

https://twitter.com/RifatJawaid/status/1267128605512888320

वीडियो के सामने आने के बाद प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी का कहना है कि वो इस मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगी। ये वीडियो ब्लैकमेल करने के मकसद से बनाया गया है। इसमें ‘जमाती’ शब्द का उपयोग भी अलग से किया गया है।

वीडियो में बात करती डॉक्टर आरती लालचंदानी मरीजों को कालकोठरी में बंद करने, और इलाज न करने की बात कर रही हैं। शायद वो भूल गयी हैं कि उनके नाम के आगे डॉक्टर लगा है। और डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है। डॉक्टर जो शपथ लेते हैं उसका भी उद्देश्य अपने मरीज को बेहतर इलाज देना होता है। इनके साथ ही मीडिया के लोग भी इंजेक्शन देकर ज़मातियों से फुर्सत पाने की बात कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर अधिकतर टीवी चैनलों पर मुस्लिमों को लेकर तमाम फ़ेक न्यूज़ चलायी गयी। अब भी चलायी जाती है लेकिन तब्लीगी ज़मात वाले मामले के सामने आने के बाद मुस्लिमों को लेकर फ़ेक न्यूज़ बढ़ गयी थीं। कई बार खंडन होता लेकिन फ़ेक न्यूज़ दोबारा दोहराई जाती। भारत का अधिकतर टीवी मीडिया कोरोना जैसी महामारी पर ज़रूरी विमर्श, संवाद और सरकार से कोरोना वायरस को लेकर तैयारियों पर सवाल करने के बजाय, तब्लीगी जमात की आड़ में पूरे मुस्लिम समाज को बदनाम करने की कोशिश में लगा था और साथ ही मुस्लिमों को कोरोना वायरस फ़ैलाने का ज़िम्मेदार बता रहा था।


 


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