असम की सर्वानंद सोनोवाल सरकार ने फैसला किया है कि 1 जनवरी 2021 से उन व्यक्तियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं.सोमवार को असम कैबिनेट की एक अहम बैठक में ये फैसला लिया गया है.
Assam Industry Minister Chandra Mohan Patowary: Yesterday our state cabinet decided that, starting 1st January 2021, those not following the 2-children policy will not be eligible to apply for government jobs. pic.twitter.com/ZIhFuatAlw
— ANI (@ANI) October 22, 2019
इस नई नीति के तहत यह शर्त सिर्फ किसी को सरकारी नौकरी देते वक्त ही ध्यान में नहीं रखी जाएगी, बल्कि नौकरी के अंत तक सभी को इस नीति के हिसाब से यह ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चों की संख्या दो से अधिक ना हो. बच्चों की संख्या दो से अधिक होने पर सरकारी नौकरी से उस व्यक्ति को निकाला भी जा सकता है.
In a revolutionary move, the Cabinet approved Two Child norms and Prohibition of Child Marriage Act norms for entry and continuation in Govt. service.
— Chief Minister Assam (@CMOfficeAssam) October 22, 2019
दरअसल 126 सीटों वाली असम विधानसभा ने दो साल पहले जनसंख्या नीति को अपनाया था और अब सोनोवाल सरकार ने यह फ़ैसला लिया है. इससे पहले सितंबर 2017 में असम सरकार ने पॉपुलेशन एंड विमेन एम्पावरमेंट पॉलिसी बिल पास किया था. इसके तहत भी प्रावधान किया गया था कि सरकारी नौकरी सिर्फ दो बच्चे वाले लोगों को ही मिलेगी. जिन लोगों को नौकरी मिल गयी है उन्हें भी नियम का पालन करते हुए इस कानून का ध्यान रखना होगा.
साल 2011 की जनगणना के हिसाब से असम की कुल आबादी 3 करोड़ 11 लाख 69 हज़ार में मुसलमानों की जनसंख्या क़रीब 1 करोड़ 67 लाख 9 हज़ार है.राज्य की कुल जनसंख्या में मुसलमानों की आबादी 34.22 फ़ीसदी यानी एक तिहाई से अधिक है. इसके अलावा यहां के 33 में नौ ज़िले मुसलमान बहुल हैं.
अब सवाल है कि यदि किसी का दूसरा बच्चा जुड़वां हों तो? असम सरकार में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल खुद अपने माता-पिता की 8 संतानों में एक हैं.
मंत्रिमंडल की बैठक में नई भूमि नीति को भी मंजूरी दी गई जिससे भूमिहीन स्थानीय लोगों को तीन बीघा कृषि भूमि और एक मकान बनाने के लिए आधा बीघा ज़मीन देने का फ़ैसला लिया गया है.