श्रद्धांजलि सभा: कोविड में मारे गये लोगों की तादाद छुपा रही है नीतीश सरकार-माले

कॉ. कुणाल ने कहा कि जब सरकारों ने हाथ खींच लिए तब देश के नागरिकों ने एक दूसरे का हाथ थामकर कोविड-19 की चुनौतियों का सामना किया है. कोरोना वायरस, फंगस और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण हमारे हजारों लोग मारे गए. कोविड पेशेंट के साथ-साथ बड़ी संख्या में डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भी मौत हुई है. बिहार में सबसे अधिक डॉक्टरों की मौत हुई है. जिन लोगों की पहचान कोविड पेशेंट के रूप में हो गई, उससे बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनका कोविड जांच ही नहीं हुआ, लेकिन उनके तमाम लक्षण कोविड के ही थे और वे भी मौत के शिकार हुए.

 

माले राज्य कार्यालय सहित पटना के विभिन्न इलाकों में कैंडल जलाकर दी गई श्रद्धांजिल

 

पटना 13 जून 2021. देश भर के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि के साझे रूप से कोविड-19 और अन्य सन्दर्भों में मारे गए लोगों का शोक मनाने के अभियान के तहत राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में माले कार्यकर्ताओं ने कैंडल जलाकर कोविड काल में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. ‘अपनों की याद, हर मौत को गिनें- हर गम को बाँटें’नाम से यह अभियान हर रविवार को आयोजित किया जाना है.

भाकपा-माले राज्य कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, समकालीन लोकयुद्ध के संपादक प्रदीप झा, प्रकाश कुमार आदि नेताओं के साथ स्थानीय मुहल्ले के लोगों ने भी कैंडल जलाकर सभी मृतकों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

इस मौके पर कॉ. कुणाल ने कहा कि जब सरकारों ने हाथ खींच लिए तब देश के नागरिकों ने एक दूसरे का हाथ थामकर कोविड-19 की चुनौतियों का सामना किया है. कोरोना वायरस, फंगस और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण हमारे हजारों लोग मारे गए. कोविड पेशेंट के साथ-साथ बड़ी संख्या में डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भी मौत हुई है. बिहार में सबसे अधिक डॉक्टरों की मौत हुई है. जिन लोगों की पहचान कोविड पेशेंट के रूप में हो गई, उससे बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनका कोविड जांच ही नहीं हुआ, लेकिन उनके तमाम लक्षण कोविड के ही थे और वे भी मौत के शिकार हुए. इन तमाम मौतों को सरकार को कोविड से हुई मौत की श्रेणी में गिनना चाहिए. हम इस अभियान को इसलिए चला रहे हैं कि आने वाले दिनों में ऐसा दर्द फिर से न झेलना पड़े क्योंकि हम जानते हैं कि कोविड की तीसरी लहर फिर से आने वाली है.

उधर, पटना के चितकोहरा में भी ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव के नेतृत्व में कोविड काल में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इसमें कोविड नियमों का पालने करते हुए स्थानीय लोग शामिल हुए. शशि यादव ने कहा कि जिन्हें कोविड के अलावा कोई जानलेवा बीमारी थी – उनके लिए अस्पतालों में जगह न होने से उनकी जान गई. जलाने, दफनाने की जगह कम पड़ गई. गरीबों ने अपने आंसुओं के साथ अपनों को नदी में बहा दिया या नदी किनारे कफन डाल विदा किया. पूरा देश इस साझे दर्द को आज भी झेल रहा है. माले नेता केडी यादव ने भी कैंडल जलाकर सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी. भाकपा-माले विधायक दल कार्यालय में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया.

इस आह्वान के तहत आज गांव-गांव में कैंडल जलाकर कोविड दौर में मौत के शिकार हुए सभी लोगों को याद किया गया. माले विधायकों ने अपने-अपने इलाके में इस अभियान को संगठित किया. कहा कि सरकारें तो इन मौतों को गिनना, मानना नहीं चाहतीं. दुनिया न गिन पाए इसके लिए वे नदी किनारे दफनाई गई लाशों से कफन तक हटवा दे रही हैं. मौतों की गिनती न करके, सरकारें हमारे प्यारे अपनों को भुला देना चाहती हैं. पर हम अपनों को भुला नहीं सकते. इनमें से हरेक का नाम है, जिसे याद रखना जरूरी है, उनके लिए अपने प्यार को जिंदा रखना जरूरी है.

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