रद्द पासपोर्ट से उड़ता रहा नीरव मोदी, आँख मूँदे रहे नरेंद्र मोदी !

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पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगा कर देश से फ़रार होने वाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी, पासपोर्ट रद्द होने के बावजूद हवाई यात्राएँ करता रहा, लेकिन मोदी सरकार को हवा न लगी।

भारत को 5 जून को मिले इंटरपोल के एक पत्र के मुताबिक नीरव मदी ने 15 मार्च से 31 मार्च के बीच चार बार अमेरिका, इंग्लैंड और हांगकांग के बीच हवाई यात्रा की। ये यात्राएँ 15 मार्च, 28 मार्च, 30 मार्च और 31 मार्च को हुईं। इस दौरान उसने उसी भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जिसे विदेश मंत्रालय 24 फरवरीको ही रद्द कर चुका था।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खुशबू नारायण की रिपोर्ट ने मोदी सरकार के रवैये पर सवाल उठा दिए हैं। सवाल यह कि क्या मोदी सरकार ने नीरव मोदी के साथ किसी तरह का भाईचारा निभाया? आख़िर पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी दूसरे देशों को समय पर क्यों नहीं दी गई?

गौरतलब है कि 24 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। इससे पहले उन्हें 16 फरवरी को शो कॉज़ नोटिस जारी किया गया था, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।

दोनो मामा-भांजे पर आरोप है कि उन्हों पंजाब नेशन बैंक को 13,500 करोड़ का चूना लगाया।

भारतीय एजेंसियों ने इंटरपोल से नीरव मोदी का पता लगाने में मदद का आग्रह किया था, जिसके जवाब में इंटरपोल ने यह जानकारी दी है।

नीरव अपनी पत्नी एमी (अमेरिकी नागरिक), भाई नीशल (बेल्जियन नागरिक) और मेहुल चोकसी क साथ जनवरी के पहले हफ्ते में देश से निकल गया था। उसके कुछ समय बाद ही पीएनबी घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

फिलहाल नीरव के इंग्लैंड में होने की खबर है। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बीजेपी नेताओँ और मंत्रियों से काफ़ी करीबी संबंध बताए जाते हैं। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी भी मेहुल चोकसी को ‘मेहुल भाई’ कहते देखे-सुने गए थे।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या नीरव मोदी की फ़रारी और सरकार की उदासीनता के बीच कोई रिश्ता है ? क्या उसे जानबूझकर देश से निकल जाने दिया गया? इंटरपोल के पत्र के बाद सरकार को इन कठोर सवालों का सामना करना होगा।

 



 


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