सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप गुजरात के अहमदाबाद में होंगे. इस दौरान ट्रंप दो दिवसीय भारत के दौरे पर होंगे. यहां एक कार्यक्रम ‘नमस्ते ट्रंप’ में वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अहमदाबाद के मोटेरा में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम सरदार वल्लभ भाई पटेल क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद दोनों नेता स्टेडियम में मौजूद लोगों को संबोधित भी करेंगे. गुजरात में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम के बाद ट्रंप आगरा का ताजमहल देखने जाएंगे. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इस दौरे में ट्रंप अहमदाबाद में केवल तीन घंटे ही रहेंगे लेकिन इस पूरे कार्यक्रम पर लगभग 85 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है.
‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की तैयारी महीनों से चल रही है. इसके लिए अहमदाबाद एयरपोर्ट से लेकर मोटेरा स्टेडियम के बीच 22 किलोमीटर की सड़क को सजाया जा रहा है. सड़क के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी गई है, जिससे सड़क के किनारे मौजूद झुग्गियों को छुपाया जा सके. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक पूरी सड़क को लगभग 3.5 करोड़ रूपए के फूलों से सजाया जाएगा. सड़क निर्माण में अभी तक कुल 36 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. इनमें स्टेडियम के आसपास के इन्फ्रास्ट्रक्चर और आसपास की 18 सड़कों को ठीक करने में अब तक 30 करोड़ से अधिक पैसे खर्च किए जा चुके हैं जबकि जिन सड़कों से होकर ट्रंप गुजरेंगे उनकी मरम्मत के लिए भी 6 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
इसके अलावा पूरे स्टेडियम को भी सजाया जा रहा है. साथ ही ट्रंप की सुरक्षा के लिए 12000 से अधिक पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जिस पर पूरे कार्यक्रम के बजट का लगभग आधा हिस्सा खर्च होगा.
कौन करवा रहा है नमस्ते ट्रंप?
इस कार्यक्रम का आयोजन कौन करवा रहा है, यह अपने आप में एक सवाल बना हुआ है- गुजरात सरकार, भारत सरकार या नागरिक अभिनंदन समिति?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि ट्रंप का अभिवादन एक नागरिक अभिनंदन समिति कर रही है जबकि द हिन्दू अखबार के मुताबिक गुजरात में किसी को ऐसी किसी भी समिति की कोई जानकारी नहीं है. इसके बाद से ही सवाल उठ रहा है कि सड़क के दोनों ओर दीवारें कौन खड़ा कर रहा है? एयरपोर्ट से लेकर मोटेरा स्टेडियम के बीच 22 किलोमीटर के सड़क की मरम्मत किसने कराई? सरकार ने, नगर निगम ने या नागरिक अभिनंदन समिति ने? 3.5 करोड़ के फूलों से जो सजावट होगी उसका खर्च कौन उठाएगा? और अगर ये सड़क, स्टेडियम की मरम्मत और सजावट नागरिक अभिनंदन समिति कर रही है तो इसके पीछे क्या वजह है?
गुजरात सरकार की वेबसाइट https://gujaratindia.gov.in/ खोलते ही पॉप अप के रूप में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की तस्वीर आ रही है लेकिन कार्यक्रम के बारे में वेबसाइट पर कोई भी ऑफिशियल नोटिस नहीं जारी की गई है.
इसी तरह भारत सरकार की वेबसाइट या भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी कार्यक्रम के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है हालांकि कार्यक्रम के संबंध में एक अलग वेबसाइट https://namastepresidenttrump.in/ बना दी गई है. इस वेबसाइट पर कार्यक्रम की सारी जानकारी अपडेट की जा रही है. इस वेबसाइट का भी आधिकारिक रुप से कोई पता नहीं है कि इसे किसने बनाया या कौन चला रहा है क्योंकि वेबसाइट पर ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है, जिससे पता चल पाए कि वेबसाइट को किसने बनाया या कौन चला रहा है. पेज के आखिर में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नालॉजी और गवर्नमेंट ऑफ गुजरात लिखा हुआ है.
इसके अलावा ट्विटर पर भी नमस्ते Trump के नाम से एक हैंडल है जो लगातार कार्यक्रम से जुड़ी जानकारियां साझा कर रहा है. गुजरात इनफार्मेंशन नाम के ट्विटर हैंडल के ‘नमस्ते ट्रंप’ से संबंधित कई ट्वीट इस हैंडल से रिट्वीट किए गए हैं.
अतीत का अनुभव
पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने अपनी फेसबुक वॉल पर अतीत के एक कार्यक्रम के संबंध में बनी एक समिति से उदाहरण लेते हुए आशंका जतायी है कि ट्रंप के अभिनंदन के लिए बनी समिति में कॉरपोरेट से वसूली का पैसा लगा है. नवनीत ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता के सौजन्य से एक कहानी लिची है और कुछ दस्तावेज पेश किए हैं. उनकी पोस्ट काबिले गौर हैः
अहमदाबाद का नाम गलत लिखे जाने पर विवाद
अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता मुजाहिद नफ़ीस ने शहर के नगर निगम आयुक्त को एक पत्र लिखा है और यूएन द्वारा हेरिटेज सिटी का खिताब पाए शहर अहमदाबाद का नाम गलत लिखे जाने पर आपत्ति जतायी है. म्युनिसिपल कमिश्नर को पत्र में वे लिखते हैंः
“आप अमेरिका के राष्ट्रपति महोदय के अहमदाबाद आगमन के कार्यक्रमों में अतिव्यस्त होंगे| आपके संज्ञान में लाना है कि अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन द्वारा बड़ी संख्या में स्वागत के होर्डिंग पूरे शहर में लगाए गए हैं| होर्डिंग अंग्रेज़ी, हिन्दी व गुजराती तीनों भाषाओ में लिखे हुए हैं। महोदय आप जानते ही हैं कि अहमदाबाद को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटि का दर्जा 2017 में दिया था। वर्ल्ड हेरिटेज सिटि का दर्जा प्राप्त करने के लिए कार्पोरेशन और गुजरात सरकार ने जो दस्तावेज़ यूनेस्को को दिये उनमे अहमदाबाद को “AHMADABAD” http://whc.unesco.org/en/list/1551/ व http://whc.unesco.org/en/documents/180057 लिखा गया है और AMC की वैबसाइट पर अहमदाबाद के बारे में बताते हुए https://ahmedabadcity.gov.in/portal/jsp/Static_pages/introduction_of_amdavad.jsp “AHMEDABAD” लिखा गया है|
महोदय आपके कार्पोरेशन के द्वारा लगाए गए अंग्रेज़ी के होर्डिंग में “AMDAVAD” लिखा गया है, वहीं हिन्दी के होर्डिंग में “अमदावाद” लिखा गया है जोकि बिलकुल गलत है| हिन्दी में अहमदाबाद और अंग्रेज़ी में AHMADABAD लिखा जाना चाहिए क्योकि यूनेस्को द्वारा दिये गए प्रमाणपत्र में AHMADABAD है और पूरी दुनिया में अहमदाबाद को इसी स्पेलिंग से पहचाना जाता है।
महोदय 24 तारीख़ को अहमदाबाद में राष्ट्रीय मीडिया के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी बड़ी संख्या में मौजूद रहेगी, उनकी नज़र जब हमारे शहर का नाम की स्पेलिंग पर जाएगी तो वो सोचेंगे कि म्यूनिसिपल कार्पोरेशन अपना नाम सही नहीं लिख सकता तो और कामों के बारे में भी संदेह उत्पन्न होगा और हम अहमदाबाद, गुजरात के साथ साथ भारत और भारत की सरकार को भी हंसी का पात्र बना देंगे।
मेरा विश्वास है कि ये टाइपिंग गलती होगी। मेरा आपसे सादर अनुरोध है कि आप सभी होर्डिंग्स, विज्ञापन जिन पर जनता का करोड़ों रुपया खर्च आपके द्वारा किया जा रहा है में नाम को तत्काल ठीक कराया जाए। अगर ये नाम ठीक नहीं कराये गए तो सभी संबन्धित अधिकारी, कर्मचारियों, पदाधिकारियों के विरूद्ध योग्य धाराओं में विधिक कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”
#IndiaRejectTrumpVisit जब करने लगा ट्रेंड
इसी बीच शुक्रवार रात दस बजे के करीब #IndiaRejectTrumpVisit ट्विटर पर दूसरे नंबर पर ट्रेंड करने लगा. कई लोगों ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 70 हजार के अलावा बाकी 69 लाख पब्लिक कहां से आएगी?
इसके अलावा लोगों ने सड़क के किनारे बनाए गए दीवारों की तस्वारों के साथ कई ऐसे ट्वीट भी किए कि भारत गरीबी छुपाओ कान्सेप्ट के आधार पर विश्व गुरू बनने जा रहा है.